
Road of corruption
सोनहत. कोरिया जिले के सोनहत से छिंगुरा कछाड़ी और जोगिया तक 16.38 किलोमीटर निर्माणाधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण ठेकेदार की मनमानी हावी है। निर्माण व डामरीकरण के नाम पर पतली परत चढ़ा कर खानापूर्ति कर दी है। इससे नवनिर्मित सड़क पर खाली पैर को रगडऩे से डामर की परत उखडऩे लगी है।
वर्ष 2013 में सोनहत से छिंगुरा कछाड़ी और जोगिया तक 16.38 किलोमीटर प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य को मंजूरी मिली थी। इस दौरान ठेकेदार ने आधा-अधूरा काम कर भाग निकला था और करीब दो साल तक सड़क अधूरा पड़ा था। सड़क निर्माण की लागत करीब 1.50 करोड़ बताई जा रही है। मामले में स्थानीय ग्रामीणों ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया था। आनन-फानन में निर्माण एजेंसी ने निर्माण कार्य शुरू कराया है।
सड़क निर्माण की मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण ठेकेदार द्वारा मनमानी की जा रही है। वर्तमान में करीब एक किलोमीटर तक निर्माण पूरा करा लिया गया है लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी और डामर की पतली परत चढ़ाने के कारण नवनिर्मित सड़क पर खाली पैर रगडऩे पर डामर उखडऩे और जगह-जगह गिट्टी दिखने लगी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण एजेंसी के इंजीनियर सड़क निर्माण कार्य को झांकने तक नहीं पहुंचते हैं। इससे ठेकेदार मनमानी कर निर्माण कार्य को जैसे-तैसे करा रहा है। गुणवत्ता खराब होने के कारण नवनिर्मित सड़क पहली बारिश में उखड़ सकती है।
सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
ग्राम पंचायत कछाड़ी, छिंगुरा और सोनहत क्षेत्र के ग्रामीणों ने मामले को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष गुलाब कमरो को जानकारी दी है। इस पर सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने और तत्काल सुधार नहीं करने पर विरोध प्रर्दशन करने का आश्वासन दिया है। ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री लव प्रताप का कहना है कि सड़क में गिटटी की बहुत कम मात्रा डाली गई है और अमानक गिटिटयों का उपयोग किया गया है। इसके अलावा डामरीकरण का कार्य में भी मिटटी सड़क के ऊपर सीधे जीरा (छोटी) गिटटी में डामर मिला कर रोलिंग कराया गया है।
सड़क निर्माण कराने के ये हंै मापदण्ड
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य कराने से पहले निर्माण एजेंसी ने मापदण्ड निर्धारित कर दी थी। इसमें सोनहत से ग्राम जोगिया कछाड़ तक कुल 16.38 किलोमीटर लंबी व 6 मीटर चौड़ी बनाई जानी है। कार्यस्थल के बोर्ड अनुसार डामरीकृत परत 20 मिमी बनाया जाना है। डब्लूबीएम कार्य में पानी डाल कर रोलिंग भी करना था, लेकिन ग्रामीणों की माने तो डब्लूबीएम करते समय मिटटी अधिक मात्रा और गिट्टी कम डाली गई है।
वहीं अधिकांश स्थानों पर पानी डाल कर रोलिंग नहीं कराया गया है। वर्तमान में जोगिया चौक से कछाड़ी स्कूल तक डामरीकरण का प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। करीब एक सप्ताह पहले निर्माण कार्य पूरा किया गया है, लेकिन सड़क पर पैर रगडऩे से पूरा डामर उखडऩे लगी है। डामरीकरण कार्य इतना पतला किया गया है कि कई जगह से डामर और गिट्टी फैला ही नहीं है और वहां पर जमीन दिखाई देने लगी है।
लोक सुराज में दर्ज कराई थी शिकायत
सोनहत मेन रोड से मेंड्रा तक प्रधान मंत्री सड़क निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2013 में मिली थी। इससे निर्माण कार्य शुरू नहीं होने के कारण वर्ष 2014 में पुनर्जीवित किया गया था लेकिन ठेकेदार ने कार्य को आधा अधूरा कर छोड़ दिया था। मामले में कांग्रेस कार्यकर्ता व ग्रामीणों ने कई बार गुहार लगाई थी। इससे आनन-फानन में निर्माण कार्य शुरू कराया गया, लेकिन कार्य में गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है। निर्माण होने के कुछ दिन बाद ही सड़क उखड़ गई है। इसकी लोक सुराज अभियान में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
कराई जाएगी जांच
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में गुणवत्ता से संबंधित शिकायत मिली थी। इस आधार पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता से चर्चा की गई है। इंजीनियर की टीम को कार्य स्थल पर भेजकर जांच कराई जाएगी।
अरुण कुमार मरकाम, एसडीएम सोनहत
Published on:
11 Mar 2018 10:11 pm
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