
बैकुंठपुर. Fake land registry: रिटायर्ड फौजी को सरकार से आवंटित जमीन को फर्जीवाड़ा (Fake land registry) कर खरीदी-बिक्री करने वालों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। मामले में विक्रेता, खरीदार, रजिस्ट्री गवाह, उनके अधिवक्ता, तत्कालीन उप पंजीयक के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक बिग्रेडियर जितेंद्र सिंह डिप्टी डायरेक्टर केंद्रीय संगठन ईसीएचएस एडजुटेट जनरल की शाला रक्षा मंत्रालय (सेना) की ओर से एकीकृत मुख्यालय थिमैया मार्ग गोपीनथ सर्कल दिल्ली कैंट ने शिकायत सौंपी गई थी। इसमें बताया गया था कि ग्राम बचरा तहसील पोड़ीबचरा स्थित भूमि खसरा नंबर 552, 553 रकबा 0.07, 1.95 हेक्टेयर जमीन आवंटित है।
इस जमीन की फर्जी तरीके (Fake land registry) से खरीदी-बिक्री की गई है। मामले में नायब तहसीलदार से जांच कराई गई थी, जिसमें पाया गया है कि भू-स्वामी चंदा सिंह के निधन के बाद उनकी जमीन को सविता कुंडु ने फर्जी तरीके से विक्रय कर नामांतरण कराया गया था। उसके बाद पुन: बिक्री की गई है। वर्तमान में 13 लोगों के नाम पर जमीन राजस्व अभिलेख में दर्ज है।
इस मामले में फर्जी तरीके से जमीन की खरीदी-बिक्री (Fake land regisgry) करने वालों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने आवेदन प्रस्तुत किया गया है। इस पर पुलिस चौकी बचरापोड़ी में अपराधिक प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
भारतीय वायु सेना के रक्षाकर्मी स्व. वशिष्ठ सिंह को सरकार से कोरिया के ग्राम बचरा में 2.02 हेक्टेयर जमीन आवंटित है। उनका 1994 में निधन और उनकी पत्नी चंदा देवी का 2007 में निधन हो चुका है। उनकी संतान ब्रिगेडियर जितेंद्र सिंह, परविंदर सिंह, पुत्री डॉ. राखी हैं।
लेकिन एक महिला विमला सिंह पति शत्रुघन सिंह (दोनों का निधन) खुद को चंदा देवी बताकर उप पंजीयक कार्यालय पेश हुई और सरगुजा जिला निवासी सविता कुंडु को जमीन बेच दी थी। फिर सविता कुंडु ने 27 अप्रैल 2011 को अलग-अलग टुकड़े में 13 लोगों को बेची थी। रजिस्ट्री में फर्जी तस्वीर, राशनकार्ड, हस्ताक्षर कर विक्रयनामा एवं नामांतरण कराया गया है।
जांच रिपोर्ट के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर प्रथम दृष्टया दोषी पाए लोगों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण (Fake land registry) दर्ज कर जांच करने निर्देश दिए गए थे।
कलेक्टर के आदेश में उल्लेख है कि तत्कालीन उप पंजीयक अंबिकापुर ने विक्रय पत्र के पंजीयन के समय दस्तावेजों एवं विक्रेता, गवाहों से बिना पूछताछ किए रजिस्ट्री की गई है। मामले में उप पंजीयक अंबिकापुर, रजिस्ट्री के गवाह एवं नामांतरण प्रकरण के गवाह, आवेदक एवं उनके अधिवक्ता और अवैध तरीके से क्रय-विक्रय करने वाले 14 लोग प्रथम दृष्टया दोषी हैं।
राजेश तिवारी प्रभारी पुलिस चौकी बचरापोड़ी का कहना है कि नायब तहसीलदार की ओर से प्रस्तुत आवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया कुछ लोगों पर मामला पंजीबद्ध (Fake land registry) कर विवेचना में लिया गया है। पुलिस की जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि इस प्रकरण में कितने आरोपी हैं।
Updated on:
17 Sept 2024 08:05 pm
Published on:
17 Sept 2024 08:04 pm
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