
Tractors blown in river
नागपुर/बैकुंठपुर. प्रतिबंधित अवधि में भी मंगलवार को ग्राम पंचायत लाई स्थित नदी-नाले से चोरी-छिपे रेत उत्खनन किया जा रहा था। इसी दौरान हसदेव नदी में अचानक बाढ़ आने से ४ टै्रक्टर बह गए। इस दौरान ड्राइवर और मजदूर जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब हो गए। समय रहते उन्होंने नदी में बाढ़ आते देख लिया, अन्यथा एक बड़ी घटना हो सकती थी।
कोरिया जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायत लाई में आवंटित खदान से रेत उत्खनन करने 4 ट्रैक्टर हसदेव नदी में उतरा था। इस दौरान ड्राइवर टै्रक्टर को खड़ा कर मजदूरों से रेत लोड करवा रहा था। दोपहर करीब 3-4 बजे के बीच हसदेव नदी में अचानक बाढ़ आई गई। इससे चार टै्रक्टर पानी में डूब गया और कुछ ट्रैक्टर बहकर काफी दूर तक चले गए।
वहीं ड्राइवर व मजदूर बाढ़ को देखकर जैसे-तैसे जान बचाकर नदी किनारे पहुंचने में कामयाब हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि पोंड़ी निवासी राजकुमार के 2 टै्रक्टर, सेंधा निवासी नारायण सरोला व हालात का एक-एक ट्रैक्टर डूब गया है।
अब ट्रैक्टरों को निकालने मालिक व मजदूर सहित स्थानीय ग्रामीण नदी से जल स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पखवाड़ेभर पूर्व भी 2 ट्रैक्टर नदी में बाढ़ आने के कारण बह गए थे। उन ट्रैक्टरों को जलस्तर कम होने पर बाहर निकाला गया था। इधर प्रतिबंध लगने के बावजूद नदी-नालों से धड़ल्ले से रेत उत्खनन जारी है।
खनिज विभाग की लापरवाही, नदी-नाले से उत्खनन जारी
खनिज विभाग के अनुसर कोरिया के करीब ३६ रेत खदान से उत्खनन पर चार महीने तक प्रतिबंध लगा है। प्रबंधित अवधि 16 जून से 15 अक्टूबर तक होगी। इस दौरान रेत खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। लेकिन खनिज विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीण अंचल के नदी-नाले से लगातार रेत उत्खनन जारी है।
Published on:
26 Jun 2018 06:57 pm
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