
Chhattisgarh News: तुंहर पौधा तुंहर द्वार योजना से 5.60 लाख बांस के पौधे की खरीदी में गड़बड़झाला करने के मामले में तत्कालीन एसडीओ व रेंजर्स से 20 लाख रिकवरी होगी। मामले में तत्कालीन एसडीओ और पांच रेंजर्स पर एक-एक हजार जुर्माना लगाया गया है। मनरेगा लोकपाल ने प्रकरण की सुनवाई कर 20 लाख रिकवरी करने फैसला सुनाया है। लोकपाल के फैसले के बाद 90 दिन के भीतर अलग-अलग या संयुक्त रूप से 20 लाख क्षतिपूर्ति राशि राज्य रोजगार गारंटी कोष में जमा करानी होगी। मामले में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास रायपुर को फैसले की एक कॉपी भेजी गई है।
परिवादी चंद्रकांत पारगिर ने मनेंद्रगढ़ वनमंडल में मनरेगा योजना से स्वीकृत पौधरोपण एवं हरियाली प्रसार योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2021-22 व 2022-23 में राई जोन एवं रूटशूट की खरीदी बिल और हरियाली प्रसार योजना में भ्रष्टाचार हुआ है। मामले में लोकपाल ने मनेंद्रगढ़ डीएफओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। साथ ही प्रस्तुत जवाब के बाद मौके पर निरीक्षण और पंचनामा बनाया गया।
-तत्कालीन वनपरिक्षेत्राधिकारी जनकपुर और कुंवारपुर पर एक-एक हजार अर्थदंड।
- तत्कालीन एसडीओ मनेंद्रगढ़, तत्कालीन वनपरिक्षेत्राधिकारी मनेंद्रगढ़, केल्हारी, बहरासी से 5-5 लाख(कुल 20 लाख) वसूली होगी और एक-एक हजार अर्थदंड।
डीएफओ के जवाब में बताया गया था वर्ष 2021-22 में बांस पौधा 560000 नग तैयार करने की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी। बांस राई जोन निविदा दर पर क्रय कर तुंहर पौधा तुंहर द्वार योजना के तहत् ग्रामीणों को रोपणी करने उनके द्वार तक पहुंचाया गया है। मामले में लोकपाल नेे जिला पंचायत की प्रशासकीय स्वीकृति का अवलोकन किया गया, जिसमें पौधा के लिए मनेन्द्रगढ़, बिहारपुर, केल्हारी, जनकपुर, कुंवारपुर, बहरासी के लिए 9.99-9.99 लाख स्वीकृति मिली थी। मौका जांच में ग्राम बेलबहरा, उदलकछार का निवासी बता आधा दर्जन हितग्राहियों का नाम पंजी में दर्ज हैं, जो उस गांव के निवासी ही नहीं थे।
Published on:
07 Mar 2024 11:25 am
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