
Rupees
बैकुंठपुर. शासन की नोनी सुरक्षा योजना के तहत 1 अप्रैल 2014 या उसके बाद जन्म लेने वाली बिटिया को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए जो नियम बनाए गए हैं, उसके तहत उसके माता-पिता को पूरी प्रक्रिया करनी होगी। प्रक्रिया पूरी करने के बाद बिटिया के 18 वर्ष पूरा करने या 12वीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद ये रुपए उसे मिलेंगे।
इस समाचार में आगे नियम भी बताए गए हैं जिसका पालन करना अनिवार्य है। भारतीय जीवन बीमा निगम ने कोरिया की 1 हजार 117 बिटिया (नोनी) के फार्म का सत्यापन कर 11 करोड़ 17 लाख रुपए जमा करा दिया है।
शासन की नोनी सुरक्षा योजना के तहत कोरिया जिले में कुल 1 हजार 218 आवेदन जमा किए गए थे। इसमें भारतीय जीवन बीमा निगम ने 1 हजार 117 आवेदन का सत्यापन किया। कोरिया की सभी सत्यापित बालिकाओं को नोनी सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा। बीमा निगम के माध्यम से वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक 11 करोड़ 17 लाख रुपए दिया जाएगा।
मामले में कम्प्यूटरीकृत प्रमाण-पत्र देने की प्रक्रिया जारी है। महिला एवं बाल विकास डीपीओ चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया ने बताया कि 1 अप्रैल 2014 के बाद जन्म लेने वाली बिटिया को चिन्हांकित कर योजना का लाभ दिलाने नोनी सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम अभियान चलाया गया था।
1 लाख मिलने के ये हैं नियम
1 अपै्रल 2014 के बाद जन्म लेने वाली बिटिया के माता-पिता छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में 2002 और शहरी क्षेत्र 2007 की सर्वे सूची के अनुसार बिटिया गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार की होनी चाहिए। द्वितीय बालिका होने की स्थिति में स्थायी परिवार नियोजन विकल्प अपनाने का प्रमाण-पत्र होनी चाहिए।
बालिका के जन्म के 1 वर्ष के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य है। बालिका के जन्म के 1 वर्ष के अंदर आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं, वे बालिका के जन्म के 2 वर्ष के अंदर कलेक्टर को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। वहीं माता-पिता की मृत्यु की दशा में बालिका की उम्र पांच साल होने तक भी आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।
बाल विवाह रोकने में साबित होगी कारगर
नोनी सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकृत बालिका का 18 वर्ष तक विवाह नहीं होना चाहिए और 12वीं तक पढ़ाई करना अनिवार्य किया गया है। नोनी सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को आवेदन पत्र ग्राम, मोहल्ले के आंगनबाड़ी केन्द्र, परिक्षेत्र के पर्यवेक्षक, बाल विकास परियोजना अधिकारी से कार्यालय से मिलेगा।
योजना का उद्देश्य बेटियों की शैक्षणिक, स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना, बालिका भू्रण हत्या रोकने और बालिका के जन्म पर जनता में सकारात्मक सोच लाना, बाल विवाह की रोकथाम करना है।
Updated on:
29 May 2018 03:29 pm
Published on:
29 May 2018 03:14 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरीया
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
