
Investigation team
बैकुंठपुर। सीजीएमएससी से मिली और बाजार से खरीदी 79 प्रकार की जीवन रक्षक दवाइयां (Medicines threw case) कचरे में फेंकने के मामले में जिला अस्पताल के 2 फार्मासिस्ट, स्टोर प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मामले को गंभीरता से लेकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया है।
बिना एक्सपायरी डेट (Medicines threw case) खत्म हुए ही जीवन रक्षक दवाइयों को रामपुर नुरुल हुड्डा मैरिज हाल के पीछे कचरे में फेंकी गई थी। मामले को कलेक्टर चन्दन संजय त्रिपाठी ने तत्काल संज्ञान लेकर जांच टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी थी। सीएमएचओ डॉ. प्रशांत सिंह ने ड्रग इंपेक्टर विकास लकड़ा व आलोक मिंज के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर जांच कराई।
जांच टीम मौके पर पहुंची और फेंकी दवाइयों (Medicines threw case) को एकत्रित कर सारी जानकारी जुटाई। वहीं सीजीएमएससी से दवाईयों के बैच नंबर के आधार पर ड्रग वेयर हाउस कंचनपुर से जानकारी मांगी। प्रारंभिक जांच में यह बातें सामने आई कि फेंकी गई दवाईयों के बैच नंबर, निर्माण व समाप्ति तिथि तथा निर्माता कंपनी जिला अस्पताल बैकुंठपुर के स्टोर व ओपीडी फार्मेसी में सप्लाई से मेल खा रही है।
साथ ही जांच दल को स्टोर व ओपीडी फार्मेसी में फेंकी गई दवाइयों (Medicines threw case) का स्टॉक शून्य पाया गया। वहीं वितरण से संबंधित कोई वैध रजिस्टर या विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया।
प्रथमदृष्टया लापरवाही में दोषी पाए जाने पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर के 3 कर्मचारी शोभा गुप्ता प्रभारी स्टोर कीपर, जितेन्द्र जायसवाल फार्मासिस्ट ग्रेड-2 और छत्रपाल सिंह फार्मासिस्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दोषी कर्मियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत कार्रवाई की गई है।
निलंबित कर्मियों को सीएमएचओ कार्यालय कंचनुपर अटैच कर सख्त हिदायद दी गई है कि बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। वहीं पुलिस ने भी कचरे में फेंकी गई दवाइयों (Medicines threw case) के स्रोत व संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
इधर जिला अस्पताल से करीब 20 किलोमीटर दूर नगर जमदुआरी जंगल में सडक़ किनारे भी बड़ी मात्रा में दवाइयां फेंकी गई थी। मामले की जानकारी मिलने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर की जांच टीम मौके पर पहुंची। जहां से सभी दवाइयों को एकत्रित कर बैकुंठपुर लाया गया है। इन दवाइयों की लिस्टिंग कर ली गई है।
हालांकि, सभी दवाइयां एक्सपायरी (Medicines threw case) हो चुकी है, जिसे जंगल में सडक़ किनारे खुले में फेंकने का अनुमान लगाया गया है। जबकि एक्सपायरी दवाइयों को सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करने का नियम है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से मनमानी कर नियम कायदों को ताक पर रखकर एक्सपायरी दवाइयां खुले में फेंकवा दी गई है।
इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि ग्राम नगर में भी बड़ी मात्रा में दवाइयां (Medicines threw case) फेंकी गई थी। मौके पर पहुंचकर दवाइयों को एकत्रित कर लिस्टिंग की गई है। हालांकि, सभी दवाईयां एक्सपायरी हो चुकी है। लेकिन एक्सपायरी दवाइयों को भी डिस्पोज करने के लिए नियम का पालन करना जरूरी है।
Updated on:
18 May 2025 07:49 pm
Published on:
18 May 2025 07:48 pm
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