18 जुलाई 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

कोल माइंस हादसे में ठेका श्रमिक की मौत, जमकर हुआ हंगामा, 31 लाख मुआवजा की घोषणा पर थमा प्रदर्शन

Coal mines accident: एसइसीएल चरचा कॉलरी कोयला खदान में रात में हुए हादसे में चली गई केबल मैन के रूप में कार्यरत ठेका श्रमिक की जान, हादसे में मौत के बाद अन्य ठेका श्रमिकों ने जमकर किया हंगामा

Coal mines accident
Coal mines Officers and contract workers

बैकुंठपुर. Coal mines accident: कोरिया जिले के एसईसीएल चरचा कॉलरी की ईस्ट कोयला खदान में रविवार की रात को खदान हादसे में एक ठेका कर्मचारी की मौत हो गई। हादसे के बाद वहां कार्यरत अन्य ठेका श्रमिकों ने जमकर हंगामा किया और शव का पीएम करवाने से इनकार कर दिया। सूचना मिलने के बाद एसईसीएल अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्राइवेट कंपनी टीएमसी से चर्चा के बाद श्रमिक परिवार को 31 लाख रुपए का मुआवजा देने घोषणा कराई। इसके बाद मामला शांत हो गया।


गौरतलब है कि रविवार रात लगभग 10.30 बजे चरचा आरओ कालरी की खदान के भीतर कार्य करते समय हादसा हुआ। चरचा ईस्ट कॉलरी के 13 इस्ट पैनल के हादसे में ठेका श्रमिक राजेश कुमार यादव (32) कटगोड़ी निवासी हादसे के समय श्रमिक सेकंड शिफ्ट में केबल मैन के रूप में सीएम मशीन का केवल खींचने का काम कर रहा था।

इसी दौरान साइड फॉल हुआ और सीएम मशीन से कोयला टकरा गया। इससे उसके सिर में गंभीर चोट लगी। मामले में आनन-फानन में श्रमिक को खदान से बाहर निकालकर क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा पहुंचाया गया।

इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।घटना के बाद चरचा क्षेत्र के ठेका श्रमिक आक्रोशित हो गए और जमकर हंगामा किया। उन्होंने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। भारी संख्या में क्षेत्रीय चिकित्सालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

यह भी पढ़ें: Video: विधायक बृहस्पत का एक और वीडियो वायरल, चौकी प्रभारी से बोले- फुटकर में रिश्वत ले रहे हो, वह तो ठीक है, थोक वाला 50 हजार तो वापस कर दो


31 लाख मुआवजा देने की हुई घोषणा
एसइसीएल प्रबंधन ने ठेका श्रमिकों के आक्रोश को देख टीएमसी कंपनी के अधिकारियों को बुलाया और श्रमिक को मुआवजा राशि देने को लेकर दबाव बनाया।

मामले में टीएमसी कंपनी द्वारा अंतिम संस्कार के लिए तात्कालिक तौर पर 25000 रुपए देने की बात कही गई। वहीं मुआवजे के रूप में 31 लाख देने की सार्वजनिक घोषणा की गई। मुआवजे की घोषणा होने के बाद श्रमिकों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने पर सहमति दी।