
गेज नदी पर सवा तीन करोड़ से दो महीने बाद तैयार होगा नया पुल
बैकुंठपुर। Chhattisgarh News: रियासतकाल में बिना सरिया व सीमेंट के उपयोग से बने गेज नदी पुल की जगह दो महीने में नया पुल बन जाएगा। जिससे नए साल में नए पुल से आवागमन होगा।
राज्य सरकार ने नया पुल निर्माण कराने 3.14 करोड़ की मंजूरी दी है। मामले में पीडब्ल्यूडी सेतु ने अप्रैल में उच्च स्तरीय पुल का निर्माण प्रारंभ कराया है। जिसको पूरा करने दिसंबर 2023 समय सीमा निर्धारित है। एनएच-43 पर मुक्तिधाम के पास गेज नदी पर उच्च स्तरीय पुल व पहुंच मार्ग निर्माण कराया जा रहा है। पुल की लंबाई 72 मीटर है और तीन स्पॉन पर पुल बनेगा। प्रत्येक स्पान की लंबाई 24 मीटर है। साथ ही पुल के दोनों ओर 50-50 मीटर तक पहुंच मार्ग बनाया जाएगा। बैकुंठपुर को संभाग मुख्यालय से जोड़ने एकमात्र पुल है। कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंहदेव ने वर्ष 1934-35 में गेज नदी पर पुल का निर्माण कराया था। जो आज भी मजबूती से टीका हुआ है। करीब आठ दशक से आम जनता पुल से आवागमन कर रही है। पुल की खासियत यह है कि निर्माण में सरिया व सीमेंट का उपयोग नहीं हुआ था। पुल आठ पाया पर टिका हुआ है।
नया पुल बनने तक पुराने की उम्र 90 साल होगी
बुजुर्ग बताते हैं कि सिर्फ पत्थर व चूने से निर्माण हुआ है। यह पुल एनएच-43 पर बैकुंठपुर से गुजरी गेज नदी पर स्थित है। रियासतकाल में आबादी को ध्यान में रखकर पुल बनाया गया था। रियासतकालीन पुल की उम्र नौ दशक यानी 90 साल हो जाएगा। लेकिन समय के साथ अब जर्जर होने लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग-43 होने के कारण पुल से प्रतिदिन भारी संख्या में छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही होती है। एकमात्र पुल में वाहनों का दबाव बढ़ गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग में अव्यवस्थित गेज पुल संकरा है। आबादी और वाहनों का दबाव बढ़ने के साथ उच्च स्तरीय पुल निर्माण कराया जा रहा है। हालाकि बाइपास सड़क बनने के बाद से अब अंबिकापुर जाने के लिए दूसरा रास्ता भी है।
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Published on:
25 Oct 2023 02:28 pm
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