17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये है एक कमरे वाला पुलिस का अस्पताल, यहां 21 साल से लटका हुआ है ताला

पुलिस लाइन बैकुंठपुर अस्पताल में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ की पदस्थापना नहीं कर पाए, 800 पुलिसकर्मी जाते हैं जिला अस्पताल

2 min read
Google source verification
Police hospital

Police hospital closed

बैकुंठपुर. कोरिया जिला मुख्यालय में बैकुंठपुर पुलिस लाइन में संचालित एक कमरे की पुलिस अस्पताल में मलहम पट्टी सहित फस्र्ट एड की चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलती है। क्योंकि पिछले 21 साल से अस्पताल में ताला लटका है और डॉक्टर्स-नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति तक नहीं कर पाए हैं। ऐसे में पुलिस लाइन सहित 13 थाना और 7 पुलिस चौकी के करीब 800 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी व उनके परिवार को इलाज कराने दर-दर भटकना पड़ता है।


वर्ष 1998 में अविभाजित सरगुजा से अलग कर कोरिया(पश्चिमी सरगुजा) को नया राजस्व जिला बनाया था। इस दौरान बैकुंठपुर जिला मुख्यालय में पुलिस पुलिस लाइन की स्थापना की गई थी और अधिकारी-कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा मुहैय्या कराने लाइन में अस्पताल खोला गया था, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई थी।

क्योंकि पुलिस विभाग ने अस्पताल का सेटअप तैयार नहीं किया था और राज्य सरकार को प्रस्ताव भी नहीं भेजा था। आनन-फानन में पुलिस अस्पताल सिर्फ एक कमरे में संचालित थी। वर्तमान में 21 साल से अस्पताल में ताला लटका है। जिससे पुलिस लाइन सहित जिले के पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को अपना व परिवार को इलाज कराने दर-दर भटकना पड़ता है।

हालाकि पुलिस लाइन के सामने जिला अस्पताल होने के कारण इलाज कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन पुलिस लाइन में आपातकालीन परिस्थिति में फस्र्ट एड चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं मिलती है।


दो अर्दली के भरोसे अस्पताल खुला था, भवन जर्जर
पुलिस विभाग ने सिर्फ एक कमरे में पुलिस अस्पताल खोलकर दो अर्दली को तैनात कर दिया था और मरहम पट्टी सहित कुछ जरूरी दवाइयां रखी थीं। इससे जैसे-तैसे फस्र्ट एड चिकित्सा सुविधाएं मिलती थी।

कुछ दिन बाद अर्दली भी सेवानिवृत्त होकर चले गए और अस्पताल में ताला लटका है। वर्तमान में पुलिस अस्पताल गैरेज में बदल चुका है। अस्पताल परिसर में बाइक सहित अन्य गाडिय़ां खड़ी रहती हैं। फिलहाल पुलिस अस्पताल भवन देख-रेख के अभाव में जर्जर हो चुका है।


स्टाफ नहीं होने के कारण है बंद
पुलिस लाइन में बहुत पहले अस्पताल खुला था लेकिन सेटअप व स्टाफ नहीं होने के कारण अस्पताल फिलहाल बंद है। पुलिस लाइन में चिकित्सा सुविधाएं मुहैय्या कराने हेड क्वार्टर को प्रस्ताव भेजकर सेटअप मंजूर करने अस्पताल को पुन: खोलने का प्रयास किया जाएगा। जिससे पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार की सुविधाएं मिल सकेगी।
निवेदिता पाल शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरिया


बड़ी खबरें

View All

कोरीया

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग