
चिरमिरी अंजनहिल माइंस: जहां कोल इंडिया का हुआ था सबसे बड़ा हादसा, १२ साल बाद निजी हाथों में जाएगी, दो खदानें दोबारा खुलेंगी
बैकुंठपुर/चिरमिरी पोड़ी। अंजनहिल माइंस चिरमिरी में कोल इंडिया का सबसे बड़ा हादसा होने के १२ साल बाद अब दो माइंस बनाकर निजी हाथों में सौंपी जाएगी। एसइसीएल बिलासपुर ने निजी हाथों में कॉट्रैक्ट पर देने ग्लोबल टेंडर निकाला है। अंजनहिल और बरतुंगा हिल दो खदानें दोबारा खुलेंगी। जिससे १०-१० मिलियन रुपए सिक्यूरिटी पर २५-२५ साल के लिए कॉट्रैक्ट पर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार वर्ष १९९५-९६ में अंजनहिल भूमिगत खदान बरतुंगा खुली थी। जिसमें रोजाना तीन हजार टन कोयला उत्पादन और करीब तीन हजार से अधिक अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत थे। वर्ष २०१० में ६ मई को हादसा हुआ। जिसमें जीएम ऑपरेशन, पांच इंजीनियर सहित 1५ अधिकारी-कर्मचारियों की मौत हो गई थी। मामले में घटना के बाद से स्थानीय एसइसीएल प्रबंधन ने माइंस से तत्काल कोयले का उत्खनन बंद कर दिया था। केवल औपचारिकता के तौर पर अन्य कार्यों को अंजाम दिया जाता था। अंजनहिल माइंस दुर्घटना को कोल माइंस की सबसे बड़ी खान दुर्घटना के तौर पर रखा गया है। वहीं जुलाई २०१७ को कोल इंडिया की लंबी जांच और कार्रवाई के बाद खदान को भूमिगत परियोजना से हटाकर ताला लगा दिया गया है।
ओपन कास्ट प्रोजेक्ट बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था
अंजनहिल खदान को वर्ष २०१७ में अधिकृत रूप से ताला लगाने का निर्णय लिया गया है। वहीं एसइसीएल चिरमिरी क्षेत्र के अनुसार भूमिगत खदान को ओपन कास्ट परियोजना के रूप में दोबारा शुरू करने के लिए हेड क्वार्टर को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन ओपन कास्ट प्रोजेक्ट बनाने की प्रक्रिया में काफी लंबा समय लगने को ध्यान में रखकर अंडरग्राउंड माइंस खोलकर निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया है। क्योंकि ओपन कास्ट माइंस के लिए खदान के ऊपर शहर की सबसे घनी आबादी बसी है। जिससे आबादी को विस्थापित कर दूसरे स्थान पर बसाने में मशक्कत करनी पड़ सकती थी।
अंजनहिल माइंस का खदान नंबर-३, अब बरतुंगा हिल खदान के नाम से खुलेगी
जानकारी के अनुसार अंजनहिल कोयला खदान में बड़ा हादसा हुआ, उस समय खदान नंबर-३ संचालित थी। जिसका मुहाना दूसरे तरफ से खुलता था। हादसे के बाद खदान नंबर-३ को भी बंद कर दिया गया था। मामले में एसइसीएल के ग्लोबल टेंडर के हिसाब से अब अंजनहिल और बरतुंगाहिल दो खदानें खुलेंगी। अंजनहिल की खदान नंबर-३ को बरतुंगाहिल खदान के नाम से खोली जाएगी।
ग्लोबल टेंडर हुआ है। इसमें जो भी कंपनी इच्छुक होगी। यहां आने के बाद देखकर रेट तय होगा। उसके बाद फाइनल होने के बाद ही यह माइंस शुरू होगी।
घनश्याम सिंह, महाप्रबंधक एसइसीएल चिरमिरी
मैनेजमेंट के अनुसार अंजहिल खदान से आग को निकालकर ओपन कॉस्ट चलाने का विचार था। लेकिन ऊपर से अंडर ग्राउंड चलाने के लिए परमिशन आया है तो अंडरग्राउंड ही चलाया जाएगा। बरतुगा में एक सिम था। जिसका कनेक्शन अंजनहिल माइंड की तरफ था। जिसके कारण बरतुगा माइंस को बंद कराया गया था। उसे भी मैनेजमेंट शुरू करने का विचार किया है। दुर्घटना के समय बरतुगा हिल को भी बंद कराया गया था। ताकि अंजनी खदान का आग और गैस इस माइंस तक ना पहुंच सके।
लिंगराज नाहक, सदस्य एसइसीएल कल्याण बोर्ड बिलासपुर
Published on:
07 May 2022 08:42 pm
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