
कोटा .
15 साल पुरानी जिन बसों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराए बिना गैराज से बाहर निकालने तक पर पाबंदी है, कोटा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने उन्हें सवारियां ढोने का परमिट थमा दिया। तमाम बसें ऐसी हैं जिनकी फिटनेस और इंश्योरेंस खत्म हुए पांच साल से ज्यादा हो गए। कोई भी वाहन खरीदने के बाद मोटर वाहन अधिनियम 1988 और उसके अधीन नियमों के तहत उसका पहली बार 15 साल के लिए पंजीयन किया जाता है।
इसके बाद वाहन मालिक को 6 महीने के अंदर परिवहन कार्यालय में जाकर री रजिस्ट्रेशन कराना होता है। नहीं करवाने पर ऐसे वाहनों को धारा 39 के तहत अवैध और अपंजीकृत माना जाता है। ऐसे किसी भी वाहन को सड़क पर चलाना तो दूर उसे गैराज से बाहर निकालने तक पर सख्त पाबंदी है।
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नियम ताक में रखकर दिया परमिट
किसी भी रूट पर बस चलाने के लिए 5 साल का परमिट दिया जाता है। कानूनन इन बसों की फिटनेस, इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन वैध होते हैं। पिछले पांच साल के दौरान किसी तरह का टैक्स या पेनल्टी बकाया नहीं हो तो अगले पांच साल के लिए फिर से परमिट मिल जाता है। लेकिन संभागीय परिवहन कार्यालय कोटा की ओर से उपलब्ध करवाई गई रूट परमिट लिस्ट में इस कानून को ताक में रखकर 96 ऐसी बसों को ग्रामीण और अन्य मार्गों पर परमिट दे दिया। इससे न सिर्फ सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की चपत लगी, बल्कि इन बसों में सफर करने वाले मुसाफिरों की जान को भी जोखिम में डाल दिया।
पंजीयन रद्द करेंगे
कोटा, जिला परिवहन अधिकारी संजीव भारद्वाज ने बताया कि फस्र्ट रजिस्ट्रेशन की 15 साल की मियाद पूरी कर चुके जिन वाहनों का री रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं हुआ है उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं। यदि यह लोग री रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएंगे तो उनके वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा।
Published on:
19 Mar 2018 01:17 pm
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