
वहां जब रामलला विराजें तभी यहां किलकारी गूंजाने की तैयारी
कोटा. यूं तो जन्म — मृत्यु ऊपर वाले के हाथ होती है, लेकिन आधुनिक समय में अब सिजेरियन डिलीवरी के केस में बच्चे का जन्म परिवार मर्जी से तय करने लगे हैं। इतना ही नहीं कुछ खास तारीखों के लिए डॉक्टर से आग्रह, अनुनय करने में कोई कसर नहीं रखते। बहुत से परिवारों की ये अभिलाषा पूरी भी हो जाती है। ऐसी ही एक तारीख आ रही है 22 जनवरी। सैकड़ों प्रसूताएं चाहती हैं कि जब रामलला अयोध्या में विराजित हों उसी तारीख में उनकी गोद में उनका लल्ला किलकारियां ले।
भगवान राम में आस्था रखने वाली कई प्रसूताएं व उनके परिवारजन 22 जनवरी को सिजेरियन डिलीवरी से शिशु को जन्म देना चाहती हैं। इस दिन डिलीवरी करवाने के लिए प्रसूताओं के परिजन डाॅक्टरों से सम्पर्क भी कर रहे हैं। कोटा के एक निजी नर्सिंग होम में तीन महिलाओं ने 22 जनवरी को सिजेरियन से डिलीवरी करवाने का प्लान बनाया है।
एक अन्य निजी अस्पताल में बीते 4 दिनों से 10 गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को सिजेरियन डिलिवरी कराने के लिए परामर्श ले रही हैं। वहीं जिन महिलाओं की डिलीवरी 22 जनवरी के आसपास होनी है, वह भी इसी दिन डिलीवरी के लिए डाक्टरों से मांग कर रही हैं। पति और परिवार के बुजुर्ग भी इस इच्छा में उनके साथ हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर सिजेरियन की ही स्थिति बन गई है तो एक हफ्ते तक इसका इंतजार किया जा सकता है और 6-7 दिन के अंतराल में 22 जनवरी को ही सिजेरियन हो भी सकता है।
बेटा हुआ तो राम, बेटी आई तो जानकी
सुल्तानपुर के निजी चिकित्सालय में 22 जनवरी को सिजेरियन प्रसव की आग्रह के साथ आए एबरा डेम गांव निवासी अजय कुमार बताते हैं कि उनका पूरा परिवार राम भक्त है। वर्षों बाद उन्हीं की कृपा से यह संतान प्राप्ति हो रही है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए 22 जनवरी को प्रसव करवाना चाहते हैं। उनके परिवार ने तो होने वाले संतान के पहले ही नाम भी सोच लिए है, लड़का होने पर राम और लड़की होने पर जानकी नाम रखने की मंशा है।
होईए वही जो राम रचि राखा
जालिमपुरा निवासी सुरेश कुमार बताते है कि उनके पिता राम के परम भक्त है और मां भी प्रतिदिन मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर ही भोजन लेती हैं। उनकी पत्नी और माता पिता की भक्ति भाव को ध्यान में रखकर इस पल को यादगार बनाने के लिए 22 जनवरी को सिजेरियन डिलेवरी का निर्णय लिया है। यह राम कृपा से ही हो रहा है। होईए वही जो राम रचि राखा।
रोज रिक्वेस्ट बढ़ रही हैं
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मुक्ता जोशी ने बताया कि अस्पताल आने वाली सिजेरियन गर्भवतियों में से अभी तक 10 ऐसी गर्भवती महिलाएं हैं, जो 22 जनवरी को ही अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता योगी के अनुसार राम मंदिर महोत्सव पर सिजेरियन के लिए तीन महिलाओं ने डेट ली है। पहली डिलीवरी को लेकर प्रसूता बहुत उत्साहित है।
वरिष्ठ सर्जन डॉ. अनिल दाधीच ने बताया कि सिजेरियन डिलेवरी में मेडिकल कंडीशंस के हिसाब से फैसला लिया जाएगा कि शिशु का जन्म कब होगा, लेकिन कपल्स आजकल उन्हें यही रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि बच्चों का जन्म 22 जनवरी को करवाना है।
सबसे अच्छा मुहूर्त
पंडित दुर्गाशंकर गौतम ज्योतिषाचार्य के अनुसार बच्चों के जन्म में समय और मुहूर्त भी खास होता है। दरअसल बच्चे के जन्म के समय से ही उसके जीवन की दशा और दिशा तय हो जाती है। ऐसे में शुभ मुहूर्त हमेशा बच्चों के कल्याण के लिए अच्छे होते हैं। 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सबसे अच्छे मुहूर्त में हो रही है। वो तो पूरा दिन ही खास है।
Updated on:
11 Jan 2024 08:06 pm
Published on:
11 Jan 2024 08:05 pm
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