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Kota: 500 रुपए ऑनलाइन लेकर छोड़ी गाडी, विभाग में मचा हड़कंप, 3 ट्रैफिक पुलिसकर्मी सस्पेंड

Rajasthan News: वाहन चालक ने जुर्माने के तौर पर 500 रुपए ऑनलाइन कर दिए लेकिन चालान की कोई रसीद उसे नहीं दी। गाड़ी छोड़ने के बाद चालक ने पूरे मामले की शिकायत सिटी एसपी से कर दी।

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कोटा

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Akshita Deora

Sep 01, 2025

AI जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर

3 Traffic Police Suspend In Kota: यातायात पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी चालान के नाम क्या-क्या गड़बड़ी करते हैं, इसका ताजा मामला सामने आया है। चालान की आड़ में वाहन चालक से 500 रुपए वसूलकर गाड़ी छोड़ने वाले हैड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल को सिटी एसपी ने निलंबित कर दिया है। उन्होंने सख्त कार्रवाई कर संदेश दिया है इससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामला एसपी के संज्ञान में आते ही उन्होंने तत्काल एक्शन लिया। अब इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर पर की जा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोटड़ी चौराहे पर ड्यूटी कर रहे हैड कांस्टेबल रामबाबू, कांस्टेबल संतराम और गोपाल ने एक वाहन चालक को रोककर चालान काटने की बात कही। वाहन चालक ने जुर्माने के तौर पर 500 रुपए ऑनलाइन कर दिए लेकिन चालान की कोई रसीद उसे नहीं दी। गाड़ी छोड़ने के बाद चालक ने पूरे मामले की शिकायत सिटी एसपी से कर दी।

मामले पर पर्दा डालने की कोशिश

मामला करीब एक सप्ताह पहले का है। सूत्रों के अनुसार कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने बाद में उसी वाहन चालक का दूसरा चालान काट दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब मामले की प्रारंभिक जांच की गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही तीनों को निलंबित किया गया।

विभाग में हड़कंप

इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आमतौर पर पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान चालान काटते समय नियमों का हवाला देते हैं लेकिन इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। खासकर जब आम जनता से खुलेआम रुपए वसूले गए और चालान की रसीद तक नहीं दी। अब पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी नियति शर्मा कर रही हैं। इसमें साफ होगा कि तीनों पुलिसकर्मी कितने दोषी पाए जाते हैं और आगे उनके खिलाफ क्या कदम उठाए जाएंगे।

जांच में दोषी पाए गए

यह मामला संज्ञान में आते ही जांच करवाई गई। प्राथमिक जांच में तीनों दोषी पाए गए। ऐसे में तीनों को तत्काल निलबित कर दिया।

तेजस्वनी गौतम, एसपी, कोटा सिटी

मशीन काम नहीं करने का लगाया बहाना

मामले की प्रारंभिक जांच ट्रैफिक डिप्टी अशोक कुमार मीणा ने की। इसमें सामने आया कि उस दिन चालान काटने वाली मशीन काम नहीं कर रही थी। हालांकि पुलिसकर्मियों का यह तर्क उल्टा उन्हीं पर भारी पड़ गया। यह स्पष्ट हो गया कि चालान की रसीद न देना और बाद में चालान जारी करना केवल खुद को बचाने की कोशिश थी।