पहले दंबगों ने नहीं बनने दी, अब दूसरी जगह बनेगी जेल
इस तकनीक का उपयोग रेलगाड़ी के आगमन, प्रस्थान, रन-थू्र समय सहित स्टेशनों पर रेलगाड़ी संचालन के समय संबंधी आंकड़ों की स्वत: प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। ये सूचना कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन प्रणाली में गाडिय़ों के कंट्रोल चार्ट में स्वत: ही दर्ज हो जाती हैं। आरटीआईएस से 30 सेकंड के अंतराल पर मिड-सेक्शन की अद्यतन जानकारी भी मिलती है। ट्रेन कंट्रोलर अब आरटीआईएस समर्थित टे्रनों की लोकेशन एवं गति से संबंधित सूचना मानवीय हस्तक्षेप के बिना अधिक सूक्ष्मता से प्राप्त कर सकते हैं। जिससे गाड़ी नियंत्रण की दक्षता में सुधार लाने में सहायता मिलती है। आरटीआईएस के रियल टाइम डाटा को राष्ट्रीय गाड़ी पूछताछ प्रणाली (एनटीईएस) से भी लिंक किया गया है। इससे यात्रियों को गाड़ी चालन के बारे में सटीक सूचना दी जा रही है, जो स्टेशनों पर सुविधाजनक ढंग से पहुंचने में यात्रियों की मदद कर रही है। इसके अलावा, यह इंजन से नियंत्रण केन्द्र तक आपातकालीन संदेश भेजने में भी अत्यंत सुविधाजनक है। जिससे किसी भी प्रकार की खराबी या आपदा के मामले में तत्काल प्रतिक्रिया में सहायता मिलती है। शुरुआत में आरटीआईएस को 2700 इंजनों में स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। 2019 में 6000 अन्य इंजनों में आरटीआईएस लगाने के लिए अतिरिक्त निधि स्वीकृत की गई है।
इस तकनीक का उपयोग रेलगाड़ी के आगमन, प्रस्थान, रन-थू्र समय सहित स्टेशनों पर रेलगाड़ी संचालन के समय संबंधी आंकड़ों की स्वत: प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। ये सूचना कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन प्रणाली में गाडिय़ों के कंट्रोल चार्ट में स्वत: ही दर्ज हो जाती हैं। आरटीआईएस से 30 सेकंड के अंतराल पर मिड-सेक्शन की अद्यतन जानकारी भी मिलती है। ट्रेन कंट्रोलर अब आरटीआईएस समर्थित टे्रनों की लोकेशन एवं गति से संबंधित सूचना मानवीय हस्तक्षेप के बिना अधिक सूक्ष्मता से प्राप्त कर सकते हैं। जिससे गाड़ी नियंत्रण की दक्षता में सुधार लाने में सहायता मिलती है। आरटीआईएस के रियल टाइम डाटा को राष्ट्रीय गाड़ी पूछताछ प्रणाली (एनटीईएस) से भी लिंक किया गया है। इससे यात्रियों को गाड़ी चालन के बारे में सटीक सूचना दी जा रही है, जो स्टेशनों पर सुविधाजनक ढंग से पहुंचने में यात्रियों की मदद कर रही है। इसके अलावा, यह इंजन से नियंत्रण केन्द्र तक आपातकालीन संदेश भेजने में भी अत्यंत सुविधाजनक है। जिससे किसी भी प्रकार की खराबी या आपदा के मामले में तत्काल प्रतिक्रिया में सहायता मिलती है। शुरुआत में आरटीआईएस को 2700 इंजनों में स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। 2019 में 6000 अन्य इंजनों में आरटीआईएस लगाने के लिए अतिरिक्त निधि स्वीकृत की गई है।
किस जोन में कितने इंजनों में लगा है सिस्टम मध्य रेल 320
पूर्व तट रेल 193 पूर्व मध्य रेल 165
पूर्व रेल 158 उत्तर मध्य रेल 115
उत्तर रेल 329 दक्षिण मध्य रेल 273
दक्षिण पूर्व मध्य रेल 64
दक्षिण पूर्व रेल 278
दक्षिण रेल 280 पश्चिम मध्य रेल 297
पश्चिम रेल 177 कुल 2649
दक्षिण रेल 280 पश्चिम मध्य रेल 297
पश्चिम रेल 177 कुल 2649