
इन अस्पतालों में भूल कर भी मत ले जाइएगा अपने बच्चो को.....
कोटा . संभाग के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु चिकित्सालय जेके लोन में इस भीषण गर्मी में मासूम तप रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का इन बच्चों के लिए दिल नहीं पसीज रहा। गर्मी से तंग बच्चों की चीख-पुकार वार्ड की स्थिति को और भयाभय बना देती है। बेबस परिजन घरों से बीजणी व पंखे लाकर बच्चों को हवा कर रहे हैं।
अस्पताल के शिशु वार्ड-ए व इमरजेंसी के ऐसे हाल हैं। यहां एसी हैं, लेकिन गर्म हवा फैंक रहे हैं। यहां भर्ती मरीज व उनके परिजनों का गर्मी से बुरा हाल है। ऐसी लगे होने से पूरा वार्ड पैक है, जिस कारण वेंटिलेशन नहीं होने से उमस व तपन से बच्चों व माताओं को कुछ देर ठहरना भी मुश्किल हो रहा है। गर्मी की वजह से बच्चों की चीख पुकार से वार्ड में शोर शराबा रहता है। बच्चों की देखरेख के लिए कई परिजन घर से पंखे ला रहे हैं और कुछ लोग हाथ से ही बच्चों को हवा कर रहे हैं।
गर्मी से पूर्व नहीं लेते सुध
अस्पताल के इमरजेंसी में 8 बैड हैं। जिस पर गंभीर रोगी भर्ती रहते हैं और वहां किसी को जाने की इजाजत भी नहीं। यहां लगे 2 एसी खराब होने से माताएं अपने शिशुओं पर पंखे से हवा करने के चलते लम्बे समय तक वहीं बैठी रहती हैं। इसके साथ ही शिशु वार्ड-ए में 32 बैड हैं, जहां 8 एसी लगे हैं। ये सभी एसी गर्म हवा फैंक रहे हैं। गर्मी आने से पहले ही एसी व कूलर ठीक होने चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रशासन अभी तक नहीं चेता।
जेके लोन में शिशु वार्ड व इमरजेंसी वार्ड के एसी खराब हैं तो जल्द ही ठीक करवा दिए जाएंगे।
-डॉ. एचएल मीणा, अधीक्षक जेके लोन चिकित्सालय
Published on:
22 May 2018 01:39 pm
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