बारां के एक युवक को वहीं की एक युवती का साथ मिला, तो सांगोद के युवक का रिश्ता बपावरकलां की लड़की से तय हुआ। कोटा व बूंदी के युवक व युवती भी जीवनसाथी बनने को राजी हुए। जोडिय़ां तय होने पर परिजनों न एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी। जबकि कुछ की बातचीत का क्रम जारी रहा और वे भी जोडिय़ां बनने के प्रति आशान्वित नजर आए। आयोजकों की ओर से कुंडली मिलान के लिए पंडित व कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई थी।
ग्रुप के संभागीय अध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान देश के विभिन्न स्थानों से 1152 युवक-युवतियों का पंजीयन हुआ। इनमें से रविवार को 640 युवक व 452 युवतियों ने परिचय दिया। कई युवक-युवतियों ने दोबारा अपना परिचय दिया।
उन्होंने अपना नाम, पता, गौत्र, दादा-दादी व ननिहाल पक्ष, योग्यता व अपनी पसंद बताई। स्थानीय युवक-युवतियों के अलावा
अजमेर,
जयपुर, दिल्ली समेत विभिन्न स्थानों से युवक-युवती परिवार जनों के साथ परिचय देने के लिए कोटा पहुंचे। इनमें डाक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, व्यवसायी, नौकरी पेशा शामिल थे। युवकों की अपेक्षा युवतियों की संख्या कम रही।
दहेज जैसी प्रथा को तोडऩा होगा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यवसायी रघुनंदन अग्रवाल थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन मौजूदा समय की आवश्यकता है। इससे हम दहेज जैसी प्रथाओं को दूर करने का प्रयास कर सकेंगे। अतिथि के रूप में व्यवसायी घनश्याम गुप्ता ने कहा कि बेटियों को शिक्षित बनाओ। जितना हो सके उन्हें पढ़ाओ। उन्हें अपने पैरों पर खड़ी होने दो। आज के दौर में बेटियों को बचाने व पढ़ाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर संभागीय अध्यक्ष संजय गोयल, परमानन्द गर्ग, संयोजक जगदीश अग्रवाल, उपसंयोजक ललित ऐरन, महिला अध्यक्ष रेणु गोयल,
मंत्री प्रमोद मित्तल, समेत कई लोग उपस्थित थे।
दिखाया साहस सम्मेलन में विधवा, विधुर, तलाकशुदा ने भी परिचय दिया। गोयल के अनुसार 10 तलाकशुदा महिला, 30 से अधिक पुरुष व करीब 12 विधवा व विधुरों ने भी रूढ़ी वादिता की जंजीरें तोड़ते हुए परिचय देकर समाज के सामने मिसाल पेश की।