कोटा. एमबीएस अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया। मशीन में बाल फंसने से 6 साल की एक बालिका दिमाग का एक हिस्सा बुरी तरह से जख्मी हो गया था। जटिल ऑपरेशन कर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटाई गई।
कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन गौतम ने बताया कि लाडपुरा निवासी दिव्यांशी (6) पुत्री महावीर 30 मार्च को घर पर ही एक मशीन में बाल फंसने से दिमाग का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था। बालिका को गम्भीर हालत में परिजन एमबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे। जांचों के बाद ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, क्योंकि मरीज का दिमाग का एक हिस्सा बाहरी वातावरण में खुला हुआ था। इससे संक्रमण होकर खतरा बना हुआ था।
यह ऑपरेशन मल्टी डिसीपलीनीरी एप्रोच से किया यानी इसमें न्यूरो, प्लास्टिक, ओर्थो, सर्जरी व निश्चेतना विभाग का संयुक्त रुप से सहयोग रहा। ऑपरेशन में बालिका के बाहरी हिस्से का दिमाग क्षतिग्रस्त था। उसे जांच की अंदरुनी परत के टुकड़े को लेकर सिर की परत से जोड़ा गया। इसमें डाॅ. कल्प शाण्डिय, डाॅ. कनिष्क गोयल, डाॅ. बनेश जैन, डाॅ. आशीष मोर का योगदान रहा।
प्लास्टिक सर्जन डाॅ. मनोजीत ने पैर की चमड़ी को सिर पर ट्रांसप्लांट किया। यह ऑपरेशन 4 घंटे तक चला इसमें निश्चेतना विभाग के डॉ. सीमा मीणा का भी योगदान रहा। बालिका को दो बोतल खून भी चढ़ाया गया। मरीज को ऑपरेशन के बाद आईसीयू में कई दिनों तक डाॅक्टरो की देखरेख में रखा गया। इस तरह की सर्जरी इस क्षेत्र में एक ही स्टेज में पहले कभी नहीं की गई।
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बाद में एक और ऑपरेशन किया। ऑर्थो विभाग के सह आचार्य डाॅ. दिनेश कुमार मीणा ने कोहनी की हड्डी को ऑपरेशन की मदद से जोड़ा गया। बालिका अब पूर्ण रूप से ठीक है। ऑपरेशन निःशुल्क हुआ।