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OMG: स्मार्ट मीटर की वजह से अधिकारियों को लगी फटकार

विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में सरकारी दफ्तरों में नहीं स्मार्ट मीटर लगने से नाराज हुए जिला प्रभारी सचिव! अधिकारियों को दिए निर्देश

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कोटा

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ritu shrivastav

Nov 08, 2017

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स्मार्ट मीटर

सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाने पर जिला प्रभारी सचिव नाराज हो गए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए दिसम्बर त सभीक विभागों में स्मार्ट मीटर लगवाने को कहा। साथ ही मुख्यमंत्री विद्युत सुधार अभियान के तहत जिन उपभोक्ताओं के कृषि कनेक्शनों को आधार कार्ड एवं भामाशाह पोर्टल से नहीं जोड़ा गया। उन्हें १५ दिन में डाटा बेस से जोड़े, तथा शहरी क्षेत्र में विकसित की गई आवासीय कॉलोनियों के बाशिंदों को भी डाटा बेस से जोड़ा जाए। टैगोर हॉल में विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिला प्रभारी सचिव आलोक ने जेविविएनएल के अधिशासी अभियन्ता व यूआईटी सचिव को निर्देशित किया।

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नयापुरा कार्यालय को नए बस स्टैण्ड में करें शिफ्ट

आलोक ने रोडवेज प्रबंधक को नयापुरा स्थित कार्यालय को नए बस स्टैण्ड में स्थानांतरित करने को कहा और यहीं से बसों का संचालन करने तथा दूसरा ठहराव नयापुरा बस स्टैण्ड पर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता को चिकित्सालय परिसर में विभाग द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य जिला कलक्टर की अनुमति के बिना शुरू नहीं करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि झालावाड़ में मनरेगा के तहत कई सड़कों के अच्छे काम हुए है। यहां के अधिकारियों को उन कामों को देखना चाहिए, ताकि काम गुणवत्ता पूर्ण हो सके। आलोक ने कोटा में प्रवेश के लिए बनाई गई सड़क की चौड़ाई कम होने एवं कोटा प्रवेश का साइन बोर्ड बड़ा नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने बल्लोप के पास की जमीन को समतल कर रोड चौड़ा करने तथा बड़ा साइन बोर्ड लगाने के यूआईटी सचिव को निर्देश दिए। बैठक में जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, एडीएम सुनीता डागा, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राजीव पचार, न्यास सचिव आनंदीलाल वैष्णव, उप सचिव कृष्णा शुक्ला सहित जलदाय, सिंचाई, कृषि, रसद विभाग के अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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भूखंड आवंटन के आवेदनों की होगी जांच

थोक फल मंडी समिति की बैठक मंगलवार को मंडी अध्यक्ष ओम मालव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मंडी यार्ड दो में भूखंड आवंटन पर चर्चा की गई। बाद में निर्णय किया गया कि 358 भूखंड आवंटन के लिए जो आवेदन पत्र पूर्व में मंडी समिति को प्राप्त हुए थे। उनकी जांच कराने के लिए कमेटी का गठन किया जाए। इस प्रस्ताव पर मंडी के संचालक शंकर बुधरानी को छोड़ कर सभी ने सहमति जताई। बैठक में संचालक शंकर बुधरानी ने कहा कि मंडी प्रशासन ने पहले से ही नई धानमंडी क्षेत्र से मंडी को चंद्रेसल में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव ले रखा है। जिसकी मंडी कमेटी व राज्य सरकार स्तर पर तैयारियां हो चुकी है। एेसे में यार्ड दो में भूखंड आवंटित करने का कोई औचित्य नहीं है। इस पर संचालक अशोक अग्रवाल ने पक्ष रखा कि हाईकोर्ट के निर्णय पर राज्य सरकार व कृषि विपणन विभाग ने यार्ड दो में भूखंड आवटन के मंडी कमेटी को आदेश जारी कर रखे हैं। पहले भूखंड आवंटन होगा। इसके बाद ही मंडी का स्थानांतरण किया जाएगा। बैठक में उपाध्यक्ष भीमराज गुर्जर, नंदलाल मीणा, चंद्रप्रकाश नागर, रामलाल, मुकेश बघेल आदि ने पक्ष रखा कि मंडी परिसर में किसानों को कोई सुविधा नहीं मिलती। एेसे में मंडी को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित किया जाना चाहिए। अध्यक्ष मालव ने बताया कि बैठक में यह भी प्रस्ताव लिया गया कि वर्ष 2008 से मंडी में नए लाइसेंस नहीं बने है। एेसे में मंडी का कारोबार थमा हुआ है। पूरा राजस्व नहीं मिल पा रहा। राज्य सरकार को पत्र लिख लाइसेंस पर लगाए गए प्रतिबंद को हटाने की मंाग की। बैठक में महापौर महेश विजय, संचालक ताहिर मोहम्मद, मंडी सचिव हेमलता मीणा भी उपस्थित थे।