
Kota Bjp Yuva Morcha District President was not elected for 9 months
नगर निगम से लेकर प्रदेश और देश में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी कोटा जिले में युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष तक नहीं तलाश पा रही है। करीब 9 महीने से खाली यह पद अभी 2-3 महीने और खाली रहेगा। ऐसा नहीं है कि इस पद के काबिल कोई युवा पार्टी संगठन से नहीं जुड़ा। दावेदार तो बहुत हैं, लेकिन भाजपा के विधायकों में इस पद को लेकर इतना टकराव है कि पार्टी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बना पा रही है। भाजयुमो राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष तक इस सवाल पर चुप्पी साधने को मजबूर हैं।
लाड़पुरा विधानसभा क्षेत्र के युवा महोत्सव में शामिल होने कोटा आए भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष अशोक सैनी से जब मोर्चा के कोटा शहर अध्यक्ष के नाम की घोषणा पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। प्रदेशाध्यक्ष सैनी ने कहा कि शहर अध्यक्ष की घोषणा में अभी कुछ अड़चनें आ रही है, जिनकों विधायकों से बातचीत कर शीघ्र दूर कर लेंगे। इसके बाद आगामी दो-तीन माह में भाजयुमो के शहर अध्यक्ष के नाम की घोषणा भी कर देंगे।
विधायकों की खींचतान से मचा बवाल
सैनी प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार फरवरी में कोटा आए थे, तब भी शहर अध्यक्ष की जल्द से जल्द घोषणा करने का दावा किया था, लेकिन विपक्ष की चाल में फंसे भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान के कारण 8 महीने बाद भी संगठन इस पद पर किसी की ताजपोशी नहीं कर सका है। मोर्चा के शहर अध्यक्ष को लेकर तीन नामों को लेकर खासी चर्चा है, लेकिन तीनों के गुट अलग-अलग होने के कारण खासा घमासान मचा हुआ है।
पढ़िए अशोक सैनी से सीधी बात
कोटा आए युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सैनी से राजस्थान पत्रिका ने तमाम मुद्दों पर सीधी बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
पत्रिकाः- युवा मोर्चा के शहर अध्यक्ष की घोषणा में देरी क्यों?
प्रदेशाध्यक्ष : कुछ अड़चन है। दो-तीन माह में नाम की घोषणा कर देंगे।
पत्रिका : क्या अड़चन है, चर्चा है कि विधायकों की खींचतान के कारण देरी हो रही है?
प्रदेशाध्यक्ष : विधायकों से बातचीत चल रही है। सर्वसम्मति से नाम की घोषणा करेंगे।
पत्रिका : शहर जिला अध्यक्ष के बिना कैसे मोर्चा को मजबूत करेंगे?
प्रदेशाध्यक्ष : मोर्चा के संयोजक हैं, देहात अध्यक्ष व प्रदेश पदाधिकारी मिलकर काम कर रहे हैं। दस-दस कार्यकर्ताओं की टीमें बनाकर कामकर रहे हैं।
पत्रिका: विधानसभा चुनाव में मोर्चा टिकट मांगेगा?
प्रदेशाध्यक्ष : विधानसभा चुनाव में युवा मोर्चा का कोई कोटा नहीं है। युवा कार्यकर्ता हैं, संगठन में अच्छा काम करते हैं, एेसे कार्यकर्ता दावेदारी जताएंगे।
पत्रिकाः युवा महोत्सव के क्या राजनीतिक मायने हैं, भाजपा विधायक इसमें नहीं आए?
प्रदेशाध्यक्ष : युवा मोर्चा के हर कार्यक्रम के राजनीतिक मायने होते हैं। इसमें पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, शहर अध्यक्ष व युवा मोर्चा पदाधिकारी शामिल हुए हैं। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने शिरकत की है। विधायक क्यों नहीं आए, यह पता नहीं।
पत्रिकाः युवा महोत्सव से कार्यकर्ताओं को क्या सीख दी?
प्रदेशाध्यक्ष : कार्यकर्ताओं को भाई का ट्रांसफर नहीं हुआ..पत्नी दूर स्कूल में पढ़ाने जाती है.., दोस्तों को ठेके दिलवा सकें जैसी बातों को दिमाग से निकालकर प्रदेश की जनता की भलाई के लिए सोचना होगा, तभी देश का विकास संभव होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवा कार्यकर्ताओं को पार्टी की मजबूती में जुटने पर जोर दिया है।
Updated on:
23 Oct 2017 10:42 am
Published on:
23 Oct 2017 10:41 am
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