
चोरी के एक प्रकरण में पांच हजार रुपए के इनाम की घोषणा की गई।
नोटबंदी के दौरान आयकर विभाग ने कोटा शहर में 400 करोड़ रुपए की ब्लैक मनी बरामद की थी। इतना ही नहीं नोटबंदी के बाद 50 दिनों में ही कोटा की बैंकों में 750 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा हुए थे, लेकिन बदले में बैंकों को हाथों-हाथ 700 करोड़ की नकदी बांटनी बड़ी थी।
SBI में जमा हुए थे 376 करोड़ के पुराने नोट
नोटबंदी के बाद कोटा शहर में एसबीआई व अन्य बैंकों में करीब 750 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए थे। इसके बदले बैंकों ने हाथों-हाथ 700 करोड़ के नए नोट ग्राहकों को बांटे थे। एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक ज्ञानेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि एसबीआई कोटा की ओर से 376 करोड़ के पुराने नोट जमा कर आरबीआई को भेजे गए थे, वहीं 340 करोड़ की नई करेंसी वितरण के लिए आई थी।
नोटबंदी के बाद बढ़ गए बैंक ग्राहक
एसबीआई के सहायक महाप्रबंधक ज्ञानेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि नोटबंदी के बाद पिछले एक साल में इंटरनेट बैंकिंग के रिटेल ग्राहकों में 48 फीसदी व कॉर्पोरेट ग्राहकों में 71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कोटा शहर में वर्तमान में दुकानों पर 1400 पोस मशीनें संचालित हैं, इनके जरिए ग्राहक लेन-देन कर रहे हैं। एसबीआई के 'बडी एप' को 2000 लोगों ने डाउनलोड किया है। भीम, एसबीआई, भीम आधार एप के यूजर भी बढ़े हैं।
400 करोड़ का कालाधन पकड़ा था
आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद कालाधन पर कार्रवाई करना शुरू किया था। कोटा रेंज में 400 करोड़ से अधिक का कालाधन पकड़ा गया था। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कालाधन पर कार्रवाई के लिए आयकर विभाग में विशेष प्रकोष्ठ बनाया था, जिसने जांच कर करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी पकड़ी थी। कोटा तथा झालावाड़ में चार पेट्रोल पम्प मालिकों के यहां ब्लैक मनी को सफेद करने का मामला पकड़ा। बारां की एक सहकारी समिति में नोटबंदी के बाद कालाधन सफेद करते पकड़ा था। इसके अलावा कोचिंग समूह, बिल्डर्स समूह, ज्वैलर्स, अनाज, कपड़ा कारोबारियों के यहां भी कार्रवाई की थी।
Published on:
08 Nov 2017 11:56 am
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
