
CESE will distribute Electricity bill every month in Kota
बिजली का बिल हर महीने भेजने की बजाय दो से तीन महीने बाद देकर सरकार मोटी कमाई कर रही थी। जब उपभोक्ताओं ने सरकार की इस लूट के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया तो आयोग ने बिजली के बिल हर महीने भेजने के आदेश दिए। जिसके बाद कोटा में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन का काम देख रही निजी कंपनी CESC ने नवंबर से हर महीने बिजली का बिल जारी करने का आश्वासन दिया है। हालांकि कंपनी अभी कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को आसानी से राहत देती नहीं दिख रही।
नियामक आयोग ने जारी किया आदेश
विद्युत नियामक आयोग के आदेशों की पालना करते हुए कोटा में विद्युत वितरण व्यवस्था देख रही निजी कंपनी सीईएससी अब हर महीने विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली का बिल भेजेगी। बिजली के बिल को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतें भी बिजली कंपनी सीईएससी के पास आ रही हैं जिसमें उपभोक्ताओं का कहना था कि बिजली का बिल ज्यादा आने पर एक साथ देने में समस्या आती है। साथ ही कई लोगों का कहना है कि दो माह के बाद बिल आने पर एक साथ देने से उनके घर का बजट गड़बड़ा जाता है।
नवंबर से होगी शुरुआत
सीईएससी के सीईओ अमरनाथ सिंह ने बताया कि बिजली नियामक आयोग ने बिजली बिल को हर माह देने के निर्देश दिए हैं। एेसे में पांच सौ यूनिट मासिक से ज्यादा उपभोग वाले उपभोक्ताओं से शुरुआत की जाएगी। इसके बाद छोटे बिल वाले उपभोक्ताओं पर लागू करेंगे। कोटा में यह व्यवस्था नवम्बर माह से लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो उपभोक्ता बिल की हार्डकांपी लेना नहीं चाहते उन्हें मेल और व्हाट्सएप पर भी बिल की डिजटल कॉपी भेजी जाएगी। हालांकि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद भी शुरुआती छह माह तक उपभोक्ताओं को बिल की हार्ड कॉपी भी भेजी जाएगी, ताकि उन्हें कोई दिक्कत ना हो।
ऐसे होता है बिजली के बिल में खेल
बिजली का बिल वसूलने में बड़ी बारीकी से खेल होता है। आम उपभोक्ता को इसकी खबर तक नहीं लग पाती। टेक्नीकल एक्सपर्ट डॉ. संजीव मिश्रा समझाते हुए कहते हैं कि यदि आप एक साधारण उपभोक्ता है और आपका हर महीने बिजली का खर्च 50 यूनिट तक का है तो हर महीने बिल का भुगतान करें तो आपको सिर्फ 3.85 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से ही भुगतान करना होगा, लेकिन जब यही बिल तीन महीने बाद आएगा तो आपकी कुल यूनिट 150 हो जाएंगी, जिनका भुगतान आपको 6.10 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से करना होगा। 151 यूनिट से ज्यादा होने पर 6.40 और 500 यूनिट होने पर 6.70 रुपए प्रति यूनिट से करना होगा। यानि 3.85 रुपए के सामान्य खर्च पर उपभोक्ताओं से 2.25 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा की वसूली हो रही है।
Updated on:
03 Sept 2017 01:53 pm
Published on:
03 Sept 2017 01:52 pm
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