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Rio Olympic: सानिया-बोपन्ना की जोड़ी भी बाहर, लेकिन इतिहास रचने का अब भी आखिरी मौक़ा

रियो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सानिया-बोपन्ना की अनुभवी जोड़ी से पदक की उम्मीद बंधी थी। यदि वह अपना सेमीफाइनल मैच जीत जाते तो रजत पदक पक्का हो जाता।

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कोटा

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Nakul Devarshi

Aug 14, 2016

भारत की सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की चौथी वरीय जोड़ी को रियो ओलंपिक में अमेरिका की वीनस विलियम्स और राजीव राम की जोड़ी के हाथों सेमीफाइनल मुकाबले में 6-2, 2-6, 3-10 से हार झेलनी पड़ी है। हालांकि भारतीय खिलाड़ियों के पास अभी भी कांस्य पदक हासिल करने का मौका बना हुआ है।

रियो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सानिया-बोपन्ना की अनुभवी जोड़ी से पदक की उम्मीद बंधी थी। यदि वह अपना सेमीफाइनल मैच जीत जाते तो रजत पदक पक्का हो जाता लेकिन अच्छी शुरूआत और एक घंटे 17 मिनट के कड़े संघर्ष के बावजूद भारतीय जोड़ी जीत अपने नाम नहीं कर सकी।

ओलंपिक की टेनिस स्पर्धाओं में बची एकमात्र भारतीय उम्मीद सानिया-बोपन्ना अब कांस्य पदक के लिए रविवार को चेक गणराज्य की लूसी रादेका और रादेक स्तेपानेक की जोड़ी से मुकाबले में उतरेंगे। चौथी वरीय जोड़ी यदि पदक जीत जाती है तो यह ओलंपिक इतिहास में भारत का टेनिस में मात्र दूसरा पदक होगा। भारत के पास अब तक टेनिस में केवल एक ओलंपिक पदक ही है, जो वर्ष 1996 अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने पुरूष एकल में कांस्य के रूप में जीता था।

पिछले दोनों मैच आसानी से जीतने के बाद आत्मविश्वास में दिखाई दे रहे सानिया-बोपन्ना ने इस मैच में भी बढिय़ा शुरूआत की और वीनस की सर्विस दो बार ब्रेक करने के साथ पहला सेट आसानी से 6-2 से अपने नाम कर लिया। लेकिन दूसरे सेट में वीनस-राजीव की जोड़ी ने बेहतरीन रैली खेलीं और जबरदस्त वापसी करते हुये भारतीय जोड़ी को फिर से हावी होने का मौका नहीं दिया।

महिला युगल और महिला एकल के शुरूआती दौर में ही बाहर हो चुकी पूर्व नंबर एक अमेरिकी महिला खिलाड़ी अपने मिश्रित युगल मैच की शुरूआत में पूरी क्षमता के साथ खेलती नहीं दिखीं लेकिन राजीव ने उन्हें पूरा समर्थन किया जिससे भारतीय डिफेंस धराशायी हो गया। वीनस-राजीव ने सानिया की दो बार सर्विस ब्रेक कर दूसरा सेट जीत मैच सुपरटाईब्रेक में पहुंचा दिया। टाई ब्रेक में बोपन्ना भी दबाव में दिखाई दिये और उनके सर्व तथा ग्राउंड स्ट्रोक जरूरत के समय कमजोर रहे।

भारतीय जोड़ी ने एक के बाद एक कई गलतियां कीं और आसान शॉट्स को नेट में कई दफा उलझाया जिसका खामियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ा और अमेरिकी जोड़ी ने जीत हासिल कर फाइनल में जगह बना ली। सानिया ने मैच हारने के बाद दुख जताते हुए कहा, '' मैच के दूसरे सेट से स्थिति बदल गई, हम वह सेट हार गये थे लेकिन फिर भी हमने अच्छा टेनिस खेला। हालांकि सुपर टाईब्रेक में हमने 2-0 की बढ़त के बावजूद कई अंक गंवाये जो हमें नहीं गंवाने चाहिये थे और मैच हमारे हाथ से निकल गया। ''

भारतीय स्टार टेनिस खिलाड़ी ने कहा, '' इतना बड़ा मैच हारने के बाद फिलहाल तो मैं सकारात्मक होकर कुछ देर के लिये नहीं सोच सकती हूं, लेकिन हम अपने अगले मैच में पदक के लिये पूरी कोशिश करेंगे। ''

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