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निजी स्कूलों के आगे झुका निगम एक ही दिन में बदलना पड़ा फैसला

कोटा. निजी स्कूल संचालकों ने निगम पर एेसा दबाव बनाया कि नगर निगम को एक ही दिन में अपना फैसला बदलना पड़ा।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 21, 2017

नगर निगम

कोटा .

नगर निगम की ओर से निजी स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थाओं से सफाई शुल्क के रूप में प्रत्येक छात्र एक हजार रुपए वसूल करने के फैसले पर एक ही दिन में बैकफुट पर आ गया है। निजी स्कूलों पर यह शुल्क लादने के विरोध में मंगलवार को सभी स्कूल संचालक लामबद्ध हो गए और निगम पहुंचकर महापौर का घेराव किया। उन्होंने मेयर को स्पष्ट चेतावनी दे दी कि किसी भी सूरत में शुल्क जमा नहीं करवाएंगे। घेराव के बाद महापौर ने कहा कि अब स्कूल व कॉलेज से नहीं, कोचिंग से सफाई शुल्क वसूली करेंगे।

संचालकों ने महापौर का घेराव करते हुए कहा कि यदि सफाई शुल्क व्यवस्था को निजी स्कूलों पर थोपा गया तो अधिकारियों को चैन से नहीं बैठने देंगे।

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निजी स्कूल संचालक दयानंद ने महापौर से यहां तक कह दिया कि ऐसा आदेश निकाल दो, सभी निजी विद्यालय संचालक फांसी लगा ले..., क्या अंधा प्रशासन व क्या अंधी सरकार है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि सफाई शुल्क वसूली से बच्चों पर दोहरी मार पड़ेगी।

एक ही बच्चा स्कूल व कोचिंग में पढ़ता है तो उसे दो हजार रुपए देने होंगे। इस तरह की वसूली के भार को कौन वहन करेगा। इसका सीधा असर अभिभावकों पर पड़ेगा। हम किसी भी सूरत में शुल्क नहीं देंगे। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसायटी के महामंत्री संजय शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल सहकारी संस्थाओं में रजिस्टर्ड होती है। उन पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं बनता। इस प्रकार का टैक्स लगाना अनुचित है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि इस तरह के टैक्स लगाने से संचालकों का स्कूल चलाना भारी हो जाएगा। इस तरह के टैक्स लगाना अनुचित है। स्कूल संचालक एसए खान ने कहा कि इस तरह के टैक्स लगाने से राजनीति स्तर ऊपर भी हमें लड़ाई लडऩी पड़ी तो हम तैयार है। घेराव के बाद महापौर को ज्ञापन दिया।

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यह संचालक रहे मौजूद

प्रदर्शन के समय स्कूल संचालक कुलदीप माथुर, विशाल केजरीवाल, संजय विजय, जमनाशंकर, उपेन्द्र कुमार, पंकज महेन्द्र, अशफाक मलिक, प्रतीक अग्रवाल, अजहर मिर्जा, धर्मेन्द्र दीक्षित, देवेन्द्र आचार्य, जय कुमार चंचलानी, मुकुट कुशवाह, रतनेश सुमन, मदन मोहन सिंह, दिलीप शर्मा, मोहन सैनी समेत बड़ी संख्या में स्कूल संचालक मौजूद रहे।

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यह था मामला

राजस्व समिति की सोमवार को हुई बैठक में 250 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले निजी स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों से प्रति छात्र एक हजार रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से सफाई शुल्क वसूल करने का निर्णय हुआ था। उप महापौर व राजस्व समिति के अध्यक्ष की आपत्ति के बाद यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया था।
महापौर महेश विजय का कहना है कि निजी स्कूलों और कॉलेजों पर सफाई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस बारे में आयुक्त से भी बात हो गई है। अब केवल कोचिंग संस्थानों से ही प्रत्येक विद्यार्थी एक हजार रुपए की राशि वसूल की जाएगी। इस मसले पर बोर्ड की बैठक में चर्चा करेंगे।