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पार्षदों को शामिल किए बिना ही निगम लगा रहा रैंकिग की दौड़

कैसे होता है स्वच्छता सर्वे, पार्षदों को ही नहीं पता, अब कैसे सुधरेगी रैंक

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कोटा

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ritu shrivastav

Nov 21, 2017

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सफाई

निगम प्रशासन ने जनवरी में होने वाले राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए भले ही तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन ज्यादातर पार्षदों को ही पता नहीं कि किस तरह सफाई की रैंकिंग होगी। सफाई के क्या मापदण्ड तय किए गए हैं, सर्वेक्षण में पार्षदों की क्या भूमिका हो सकती है। पार्षदों ने निगम बोर्ड का विशेष सत्र बुलाकर स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 की गाइड लाइन के बारे में जानकारी देने की मांग उठाई है।

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पार्षदों को इस सर्वेक्षण से दूर रखा

पार्षदों का कहना है कि पिछले तीन साल से स्वच्छता रैंकिंग में पिछडऩे का ही सबसे बड़ा कारण पार्षदों को इस सर्वेक्षण से दूर रखना रहा है। उनका कहना है कि केन्द्रीय टीम शहर का दौराकर सफाई व्यवस्था जांचेंगी। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने में पार्षदों की अहम भूमिका हो सकती है। इसलिए सर्वेक्षण पहले बोर्ड का विशेष सत्र बुलाकर केवल शहर की सफाई-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए वे महापौर व आयुक्त से भी मिलेंगे। देश के टॉप 100 शहरों में कोटा को शामिल कराने के लिए पूरा सहयोग और प्रयास करेंगे। खुद उप महापौर सुनीता व्यास ने विशेष सत्र की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से पहले पार्षदों को जागरुक करने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना अच्छा रहेगा। निगम, पार्षद और शहर की जनता मिलकर स्वच्छता की दिशा में काम करेंगे तो निश्चित रूप से अच्छे परिणाम आएंगे।

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पार्षद बोले: विशेष सत्र बुलाएं

वार्ड 52 के पार्षद महेश गौतम लल्ली ने कहा कि स्वच्छता रैंकिंग में क्या-क्या बिन्दु हैं, किस पर कितने नम्बर हैं, कुछ भी पता नहीं। स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए पार्षदों को जानकारी दी जानी चाहिए ताकि पार्षद उसी हिसाब से वार्ड में काम कर सकें। वार्ड 55 के पार्षद पवन अग्रवाल ने कहा कि रैंकिंग में पिछडऩे पर पार्षदों और जनप्रतिनिधियों को कोसा जाता है। स्वच्छता रैंकिंग के क्या पैरामीटर हैं, कैसे सफाई की दिशा में काम करना चाहिए, विशेष सत्र बुलाकर पार्षदों को अवगत करवाना चाहिए।

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सत्र से अच्छे परिणाम आ सकते हैं

वार्ड 33 के पार्षद राम मोहन मित्रा ने कहा स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर कैसे देश में पहले स्थान पर आया, वहां सफाई की व्यवस्था किस तरह चल रही। इसका अध्ययन कर पार्षदों को विशेष सत्र में बताएं तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं। प्रतिपक्ष नेता अनिल सुवालका बोले घर-घर कचरा संग्रहण की योजना लागू करने की तैयारी की जा रही। इसमें वार्डों में पार्षदों के सामने कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। विशेष सत्र बुलाकर चर्चा की जानी चाहिए। पार्षद अपनी समस्या रख सकेंगे।

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सफाई के बहुत सारे मुद्दे

वार्ड 49 से नरेन्द्र हाड़ा ने कहा कि शहर में डोर टू डोर सफाई व्यवस्था लागू की जा रही है। सफाई के बहुत सारे मुद्दे हैं। विशेष सत्र में व्यापक चर्चा होनी चाहिए। महापौर और आयुक्त से इस बारे में बात करेंगे। वार्ड 36 के रमेश चतुर्वेदी ने कहा कि शहर की सफाई का हमेशा बड़ा मुद्दा रहता है। इसलिए विशेष सत्र बुलाया जाए तो व्यापक चर्चा हो सकेगी। जिसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

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सफाई व्यवस्था पर व्यापक चर्चा

वार्ड 54 के विवेक राजवंशी ने कहा कि स्वच्छता का पेपर होगा, हमें ही पता नहीं। कैसे शहर की रैंकिंग सुधेरगी। जनता को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने से पहले पार्षदों को विशेष सत्र बुलाकर रैंकिंग के कॉन्सेप्ट स्पष्ट करना चाहिए ताकि पार्षद भी अपना योगदान दे सकें। वार्ड 39 के बृजेश शर्मा नीटू बोले रैंकिंग सुधार के लिए ही नहीं, सफाई व्यवस्था पर व्यापक चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। सफाई तो निरंतर हो।