
कोटा. बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए उसी तरह के विशेषज्ञों की जरूरत है। जिसके लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कोटा . देश में जिस तरह से साइबर क्राइम बढ़ रहा है, उसे रोकने के लिए उसी तरह के विशेषज्ञों की जरूरत है। पुलिस मुख्यालय की ओर से हर जिले से पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा रहा है, ताकि हर थाने में एक से दो विशेषज्ञ साइबर क्राइम से संबंधित हों। यह कहना है पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह का।
पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिंह ने कहा कि हर जिले में एक साइबर थाना खोलना पर्याप्त नहीं है। साइबर क्राइम बढ़ रहा है। एक थाने में ऐसे मामलों का समय पर निस्तारण कर पाना संभव भी नहीं होगा। इससे बेहतर होगा कि हर थाने में साइबर क्राइम विशेषज्ञ हों।
सत्यापन अपराध का, मानसिकता का नही
उन्होंने बताया कि पुलिस लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड का सत्यापन कर सकती है, लेकिन उनकी मानसिकता का पता नहीं लगा सकती। स्कूल में शिक्षक हो या ऑटो चालक, उसके बारे में पूरी जानकारी संबंधित एजेंसी को ही रखनी होगी। यदि किसी अवांछित गतिविधि में स्कूल का स्टॉफ ही भागीदार होगा और रिपोर्ट नहीं देगा तो कानूनी कार्रवाई करना भी मुश्किल हो जाता है।
कानून व्यवस्था का रिव्यू
डीजीपी सिंह ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में रेंज के पुलिस अधिकारियों की क्राइम मीटिंग ली। इसमें कोटा शहर एसपी अंशुमान भौमिया, ग्रामीण एसपी डॉ. राजीव पचार, बारां एसपी डीडी सिंह, बूंदी एसपी आदर्श सिद्धु व झालावाड़ एसपी आनंद शर्मा, कोटा के एएसपी अनंत कुमार, उमेश ओझा और सभी उप अधीक्षक शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि रेंज में क्राइम की समीक्षा व रिव्यू किया गया। साथ ही, आगामी दिनों में रावण दहन, दशहरा मेला व मोहर्रम को देखते हुए पुलिस जाप्ते की तैनाती और कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ थानों में पेंडेंसी कम करने व समय पर मुकदमों की जांच करने के निर्देश दिए। कोटा से रवाना होने से पहले उन्होंने सीएडी रोड स्थित अभय कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर का भी निरीक्षण भी किया।
दुर्घटनाएं रोकने पर जोर
सिंह ने बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मौत चिंता का विषय है। पुलिस का फोकस दुर्घटनाओं को रोकना तथा उनमें कमी लाना है।
Published on:
28 Sept 2017 11:40 am
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