
Biparjoy's entry...बिपरजॉय की एन्ट्री से पहले ही भर गए बांध, कोटा बैराज 96.96 फीसदी भरा हुआ
कोटा. हाड़ौती में भी बिपरजॉय चक्रवात का असर दिख रहा है। रविवार रात से ही हाड़ौती में कई तेज तो कई रिमझिम बारिश का दौर जारी रही है। पश्चिम राजस्थान में जिस तरह बिपरजॉय तूफान ने तबाही मचाई है। उसके बाद हाड़ौती में भी प्रशासन अलर्ट हो गया है। जल संसाधन विभाग की ओर से भी बांधों में पानी की आवक पर नजर रखी जा रही है। हालांकि सोमवार शाम तक बांधों में पानी की आवक नगण्य रही। उधर मानसून के आगमन से पहले ही चम्बल के बांध भरे हुए हैं। कोटा बैराज 96.96 फीसदी भरा हुआ है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में भी भरपूर पानी है। गांधी सागर की जल भराव 1312 फीट के मुकाबले 1293.70 फीट भरा हुआ है। जल संसाधन विभाग के अनुसार इस बांध में राजस्थान और मध्यप्रदेश में सिंचाई, पेयजल और उद्योगों के लिए आपूर्ति के लिए इतना पानी भरा हुआ कि आगामी दो साल तक कोई दिक्कत नहीं आएगी। राणा प्रताप सागर बांध पानी का गेज 354.83 मीटर के मुकाबले 351.063 मीटर है। यानी यह बांध भी अपनी कुल जल भराव क्षमता के मुकाबले 88 फीसदी से अधिक भरा हुआ है। जवाहर सागर बांध का भी पानी का गेज 298.70 मीटर के मुकाबले 298.09 मीटर है। चम्बल के बांधों से राजस्थान और मध्यप्रदेश की पांच लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है।
बांधों पर कन्ट्रोल रूप शुरू
जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के सभी बांधों पर मानसून से पहले कन्ट्रोल रूम शुरू कर दिया है। जहां बरसात की िस्थति और बांधों में पानी की आवक के आंकड़ों पर नजर रखी जा रही है। हाड़ौती के बांधों का प्री मानसून चेकअप कर लिया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भरतरत्न गौड़ ने बताया कि 15 जून से कन्ट्रोल रूम शुरू हो गए हैं।
Published on:
19 Jun 2023 09:56 pm
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