
एटलेन एक्सप्रेस-वे पर चम्बल पुलिया के पास क्षतिग्रस्त पिचिंग (फोटो:पत्रिका)
Delhi-Mumbai 8 Lane Expressway: हाड़ौती अंचल में हुई भारी बारिश की आंच भारत माला परियोजना के दिल्ली-मुम्बई एटलेन एक्सप्रेस-वे पर भी आ गई। कोटा और बूंदी जिले से गुजर रहे एक्सप्रेस-वे पर गड्ढे होने के साथ ही कटाव के कारण कई जगह पिचिंग टूट गई। इससे सुरक्षा के लिए लगाई गई रैलिंग भी गिर गई।
एटलेन एक्सप्रेस-वे पर चम्बल पुलिया से कोटा की तरफ पांच-छह किलोमीटर तक पानी से कटाव के कारण पिचिंग क्षतिग्रस्त हो गई। इससे प्रोटोक्शन वॉल टूट गई और सुरक्षा के लिए साइड में लगाई गई रैलिंग टूटकर गिर गई। मिट्टी खिसकने के कारण एक्सप्रेस-वे ही खोखला हो गया है। इस कारण कई जगहों पर मिट्टी डालकर व बेरिकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया है। एक्सप्रेस-वे पर आठ माह पहले ही लबान से गोपालपुरा तक यातायात चालू किया गया था। एक्सप्रेस-वे पर बारिश के पानी की निकासी का उचित प्रबंध नहीं किया गया। इस कारण आसपास जलभराव की समस्या हो गई। जहां पुल बनाए हैं, वह पानी का दबाव नहीं झेल पाए, इस कारण क्षतिग्रस्त हो गए।
एक्सप्रेस-वे पर पैकेज-12 के तहत लबान चम्बल पुलिया से मंडावरा तक तक कार्य किया गया। लबान के पास चम्बल पुलिया के पास जमीन से एक्सप्रेस-वे की ऊंचाई काफी है। कटाव से एक्सप्रेस-वे को सुरक्षित करने के लिए मिट्टी के ऊपर सीसी किया गया था, लेकिन मिट्टी खिसकने से सीसी गिर गया। इस कारण जो प्रोटोक्शन वॉल पर रैलिंग लगाई गई थी, वह भी गिर गई है। एक्सप्रेस-वे पर बारिश में हुए गड्ढे तो भर दिए, लेकिन पिचिंग व प्रोटोक्शन वॉल को दुरुस्त करने में काफी समय लगेगा। हालांकि मिट्टी डालने का कार्य शुरू कर दिया है। इस पैकेज का कार्य जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने किया है।
गोपालपुरा से एंट्री पॉइंट से 500 मीटर दूर ही चैनेज 403 पर स्लोब बैठ गया। इस कारण रैलिंग टूट गई। बालापुरा टोल के पास चैनेज नम्बर 418 पर नाले के पानी के दबाव में रिटेनिंग वॉल क्षतिग्रस्त हो गई। यह काम जीएचवी कम्पनी की ओर से किया गया।
दिल्ली-मुम्बई एटलेन एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कई खामियां रह गई, जो अब हमारे सामने आ रही हैं। बारिश के पानी का उचित प्रबंधन नहीं होने से खेतों में पानी भर रहा है। पानी के दबाव में ही एक्सप्रेस-वे क्षतिग्रस्त हो रहा है। इस बारे में एनएचएआइ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
कल्पना देवी, विधायक लाडपुरा
भारत माला प्रोजेक्ट पर अतिवृष्टि से कुछ स्थानों पर पिचिंग का कुछ हिस्सा बह गया है। इसकी तुरंत प्रभाव से मरम्मत करवाई जाएगी। एटलेन पर लगातार मरम्मत की प्रक्रिया जारी रहती है।
संदीप अग्रवाल, पीडी, एनएचएआइ, कोटा खण्ड
Updated on:
29 Aug 2025 02:02 pm
Published on:
29 Aug 2025 01:59 pm
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