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राजस्थान का सबसे बड़ा अस्पताल तीन माह में भी नहीं बता सका डेंगू की बिरादरी

राजस्थान के सबसे बडे़ अस्पताल एसएमएस अस्पताल जयपुर में डेंगू की बिरादरी जानने को कोटा ने भेजे थे 100 सेम्पल, रिपोर्ट अब तक नहीं आई।

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कोटा

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abhishek jain

Jan 31, 2018

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kuchaman

कोटा.

कोटा में महामारी की तरह डेंगू किस कारण से फैला और यह कौन से टाइप का वायरस था, आगे इसकी रोकथाम कैसे संभव, इन मसलों के मद्देनजर चिकित्सा विभाग के आदेश पर एमबीएस चिकिल्सालय की केन्द्रीय प्रयोगशाला से 100 सेम्पल जयपुर एसएमएस वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे। इन सेम्पल्स की जांच रिपोर्ट 5 दिन में आनी थी लेकिन ढाई माह बीतने के बाद भी नहीं आई है। जिला कलक्टर जांच रिपोर्ट के बारे में पूछ चुके हैं, लेकिन विभाग के पास इसका कोई जवाब नहीं। केन्द्रीय प्रयोगशाला से ये सेम्पल 28 अक्टूबर को भेजे गए थे।

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सितम्बर, अक्टूबर व नवम्बर में सर्वाधिक
वर्ष 2017 में डेंगू के सबसे अधिक रोगी सितम्बर, अक्टूबर व नवम्बर माह में आए। सितम्बर में 4272 सेम्पल लिए गए जिसमें से 513 डेंगू पॉजीटिव पाए गए। अक्टूबर में 5452 सेंपल में से 1061 पॉजीटिव आए। नवम्बर में 3204 सेंपल लिए गए और 728 डेंगू पॉजीटिव पाए गए। सितम्बर माह में 1146 स्वाइन फ्लू की जांच की गई जिसमें से 214 रोगी पॉजीटिव पाए गए। पूरे साल में डेंगू के 19054 टेस्ट हुए जिनमें 2685 पॉजीटिव पाए गए।

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डेंगू के चार रूप
सूत्रों ने बताया कि डेंगू के 4 प्रकार डेन-1, 2,3 व डेन 4 होते हैं। चारों ही प्रकार में डेंगू के अलग-अलग टाइप होते हैं। कौन से टाइप का डेंगू कोटा में प्रभावी रहा था, इसका पता लगाने के लिए सीरम भेजे थे ताकि आगामी सीजन में इसकी रोकथाम के प्रभावी प्रयास किए जा सकें। सूत्रों के मुताबिक महकमा सामान्य तैयारियां तो कर रहा लेकिन स्पेसिफिक स्ट्रेटॅजी तभी बन पाएगी जब ये रिपोर्ट मिले।

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6 माह तक रख सकते हैं सीरम
डेंगू की जांच के लिए जो सीरम (रक्त का नमूना) भेजे हैं उन्हें 0 से माइनस 20 डिग्री तक तापमान में रखते हैं। इन्हें 6 माह तक इस तापमान में रखा जा सकता है।
एमबीएस प्रभारी केन्द्रीय प्रयोगशाला डॉ. नवीन सक्सेना का कहना है कि हमने एसएमएस वायरोलॉजी विभाग की प्रभारी डॉ. भारती मल्होत्रा को कई बार जांच रिपोर्ट कोटा भेजने के लिए रिमाइंडर किया, लेकिन वहां से रिपोर्ट नहीं आ रही। एक बार फिर पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है।