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पर्यावरण व बेटी बचाने के लिए 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आज से आगाज

कोटा. बेटी व पर्यावरण बचाने, नशामुक्ति व रक्तदान के लिए 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ शुरू हुआ। 1100 महिलाएं कलश लिए चली।

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कोटा

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abhishek jain

Oct 26, 2017

Dev Sanskriti Pushtikaran 251 Kundiya Gayatri Mahayagya in Kota

कोटा . गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में देव संस्कृति दिग्विजय के तहत मल्टीपरपज स्कूल परिसर में देव संस्कृति पुष्टिकरण 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ गुरुवार को शुरू हुआ। महायज्ञ का आगाज कलश यात्रा से हुआ। इसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। कलशयात्रा के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

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कलशयात्रा में करीब ढाई से तीन हजार लोग शामिल हुए। बैण्ड-बाजे और मनभावन झांकियों के साथ पीले परिधानों में सजी-धजी 1100 महिलाएं कलश लिए चल रहीं थी। 251 महिलाओं ने तुलसी के पौधे व करीब इतनी ही महिलाएं ज्वारे लिए चल रही थी। बैण्ड-बाजों की धुन पर महिलाएं नृत्य करती हुई चल रहीं थी। कलश यात्रा टीलेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर प्रमुख मार्गों से होते हुए मल्टीपरपज स्कूल परिसर स्थित आयोजन स्थल पहुंची। यहां शांतिकुंज हरिद्वार से आए विष्णु पांड्या के सान्निध्य में आरती, कलश पूजन व अन्य आयोजन हुए। कार्यक्रम में गायत्री परिवार कोटा के मुख्य ट्रस्टी जी.डी. पटेल, जिला समन्वयक चतुर्भुज जोशी, रामरतन नरवर समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान श्रीराम शर्मा आचार्य व गायत्री माता के जयकारे गूंजते रहे।

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रक्तदान करो, नशे से दूर रहो
कलश यात्रा में सात अलग-अलग संदेश देती हुई झांकियां शामिल हुई। एक में लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया तो अन्य झांकियों में नशे से दूर रहने, बेटियों की रक्षा समेत अन्य झांकियां शामिल हुई।

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घर-घर लगाएंगे तुलसी के पौधे

मल्टीपरपज स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पांड्या ने लोगों को विभिन्न संकल्प करवाए। उन्होंने कहा कि यह सदी महिलाओं की है। महिलाएं बच्चों को संस्कारवान बनाएं। संस्था की ओर से आदित्य विजय ने बताया कि महिलाओं द्वारा सिर पर धारण किए गए पौधों को घरों में लगाया जाएगा। आयोजन स्थल पर आचार्य श्रीराम शर्मा के साहित्य, गायत्री परिवार द्वारा तैयार उत्पादों की स्टाल भी लगाई गई।

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महायज्ञ का समापन 29 को
चार दिवसीय महायज्ञ के तहत शुक्रवार सुबह 6 बजे से समूह साधना, योग प्राणायाम, देवपूजन व बाद में यज्ञ होगा। शाम को सत्संग व संगीत होगा। पटेल ने बताया कि महायज्ञ का समापन 29 अक्टूबर को होगा।