
डेंगू की जांच के लिए अस्पताल आए मरीज
डेंगू स्वाइन फ्लू के कहर से जूझ रहे कोटा की हकीकत से सरकार मुंह मोड़ रही है। सरकार ने विधानसभा में बुधवार को कोटा संभाग में डेंगू से सिर्फ तीन और स्वाइन फ्लू से 11 मौतें होना बताया। विधानसभा में बुधवार को कोटा में डेंगू और स्वाइन फ्लू के कहर का मुद्दा गूंजा। कोटा के विधायकों ने मौतों के आंकड़ों को लेकर सरकार को घेरा, कहा कि त्राहि-त्राहि मची है, लेकिन सरकार संवेदनशील नहीं है। सरकार सही आंकड़े छुपा हकीकत से मुह मोड़ रही है। सवालों से घिरने पर सदन में चिकित्सा एवं स्वास्थ मंत्री कालीचरण सराफ ने मौतों पर पर्दा डाल दिया। उन्होंने कहा कि डेंगू से कोटा में अब तक केवल तीन लोगों की मौत हुई है। जबकि हकीकत में सरकारी व निजी अस्पतालों के रिकॉर्ड के मुताबिक कोटा संभाग में अब तक डेंगू से 46 लोगों की जान जा चुकी है।
पर्दा डालते रहे मंत्री
सदन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार कोटा जिले में स्वाइन फ्लू एवं डेंगू की रोकथाम के लिए संवेदनशील है। अतिरिक्त बजट एवं संसाधन उपलब्ध करा रहे। मच्छरों पर नियंत्रण के लिए फाॅगिंग कराई जा रही। संवेदनशील क्षेत्रों में सुबह व शाम दो बार फोगिंग की व्यवस्था की गई है। जिला अस्पतालों में अलग से आइसोलेशन सेल बनाई गई है एवं आईसीयू में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था भी है।
डेंगू से दो की मौत
बुधवार को डेंगू से दो और लोगों की मौत हो गई। टिपटा निवासी सारा (25) की मंगलवार देर रात मौत हो गई। वहीं करवर बूंदी निवासी पुषा बाई (65) की एमबीएस में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुष्पा 19 अक्टूबर से एमबीएस में भर्ती थी। बुधवार को संभाग में डेंगू के 42 नए मामले सामने आए हैं। नए केस में कोटा के 37 व बूंदी के 5 डेंगू पॉजीटिव हैं।
Published on:
26 Oct 2017 12:18 pm
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