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दशहरा मेलाः पूरा नहीं हुआ विकास का कोटा, भव्यता का पड़ेगा टोटा

देश दुनिया में मशहूर कोटा के दशहरा मेले की तैयारियों में विकास का टोटा पड़ता नजर आ रहा है। 50 फीसदी काम भी पूरे नहीं हुए हैं।

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Development work in Dusshera fair is incomplete

100 साल पुराने कोटा के दशहरा मेला शुरू होने से पहले ही इसके आयोजन की सफलता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। 21 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाले इस मेले के आयोजन से जुड़ी 50 फीसदी तैयारियां भी अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं। पूरा मेला ग्राउंड उखड़ा पड़ा है। वहीं सड़क और जनसुविधाएं तो दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही हैं।







दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का खास केंद्र बन चुका कोटा का दशहरा मेला इस बार अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। दिल्ली के प्रगति मैदान की तर्ज पर दशहरा ग्राउंड को विकसित करने के लिए यहां निर्माण कार्यों का दौर चल रहा है। काम शुरू होने से पहले ही मेले की तारीखों को लेकर भी विवाद छिड़ा था जिस पर नगर निगम प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि इस काम को बीच में रोककर मेले के लिए सड़क, मार्केट और मंचों की व्यवस्था कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा। हालत यह है कि मेले के लिए जरूरी इंतजाम तक पूरे नहीं हो पाए हैं। राजस्थान पत्रिका ने इन कामों की ऑडिट की तो पता चला कि मेले की तैयारियों से जुड़़े 50 फीसदी काम भी अभी पूरे नहीं हो सके हैं।

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करवानी हैं अस्थाई सुविधाएं उपलब्ध

मेले के लिए दशहरा मैदान डवलपमेंट प्रोजेक्ट को बीच में रोककर आवश्यक सुविधाएं जुटानी थीं। इसके तहत मैदान समतल करने, रोड नेटवर्क, विद्युत व्यवस्था और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था प्रमुख कार्य हैं। इनमें से कोई काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि मैदान को 10 सितम्बर तक मेले के लिए उपयोगी बनाने की जरूरत है।

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रंगमंचों के उड़े रंग

पत्रिका ने जब दशहरा मैदान का ऑडिट किया तो पता चला कि श्रीरामरंगमंच की अभी छत ही डाली गई है, लेकिन मैदान अभी तक समतल नहीं किया जा सका है। वहीं विजयश्री रंगमंच पर आरसी डालने के बाद सिर्फ 35 फीसदी काम ही हो सका है। जबकि विजयश्री रंगमंच पर तो सिर्फ 25 फीसदी काम ही हो सका है। इस मंच के सामने रावण दहन देखने के लिए बनाए जा रहे वीआईपी चौपाल का कार्य भी अधूरा है। यहां 800 लाइटें भी लगाई जानी हैं।

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उखड़ी पड़ी हैं सड़कें, फूडकोर्ट की छत ही नहीं

दहशरा मैदान में फूडकोर्ट का प्लेटफॉर्म तैयार हो गया है, लेकिन छत डालने का काम अभी बाकि है। इस काम को अब मेला खत्म होने के बाद पूरा किया जाएगा। प्रदर्शनी स्थल तैयार है, लेकिन शेड नहीं बन पाया। वहीं दशहरा मैदान तक आने वाली सड़कों का हाल बेहद बुरा है। किशोपुरा रोड की चौड़ाई 20 से 60 फीट करने का कार्य शुरू नहीं हुआ। शक्तिनगर रोड को 40 से 60 फीट चौड़ा करने का कार्य शुरू नहीं हुआ। दशहरा मैदान की आंतरिक सड़कों का निर्माण भी नहीं हुआ। अब मिट्टी के रास्ते तैयार किए जा रहे हैं।

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काम अधूरा, दावा पूरा

मेला भरने से पहले दशहरा मैदान समतलीकरण, रोड नेटवर्क दुरुस्त करने, विद्युत व्यवस्था और पीने के पानी का इंतजाम भी होना था, लेकिन कोई भी काम 20 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सका है। इन सबके बावजूद मेला कमेटी के अध्यक्ष राममोहन मित्रा दावा करते हैं कि 10 सितंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे।