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बैठक में दशहरा मैदान फेज 2 के विकास कार्यों का मुद्दा उठा। जिस पर पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पशु मेले की जगह पार्क विकसित करने से दशहरा मेले के लिए जगह कम पड़ जाएगी। पार्क बनाने पर 28 करोड़ रुपए खर्च होंगे जबकि एक किमी के दायरे में ही चम्बल गार्डन मौजूद है। निगम अधिकारियों ने टेंडर जारी होने की बात कही तो पार्षदों ने इसे रद्द करने की मांग की।
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उमा भारती , राम मंदिर आस्था का नहीं, जमीन का है मामलाबैठक में तय हुआ कि अगले 6 माह में सभी वार्डों में एक-ंएक करोड़ के विकास कार्य करवाए जाएंगे। 10 लाख रुपए की एआरसी समेत 50 लाख के विकास कार्य अगले तीन माह में होंगे। शेष राशि के कार्य उसके बाद होंगे। सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए 5 नई जेसीबी और सात डंपर खरीदे जाएंगे। स्मार्ट सिटी मिशन से भी एक करोड़ रुपए की कीमत की जेटिंग मशीन और करीब 25 करोड़ के अन्य संसाधन मिलेंगे। सफाई व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग के लिए निगम के जो अधिकारी जिस वार्ड में रहते हैं उन्हें उसी वार्ड का प्रभारी बनाया जाएगा। सभी वार्डों में कचरा संग्रह के लिए तीन-तीन टिपर लगाए जाएंगे। जहां टिपर नहीं पहुंच पाएगा वहां रिक्शा लगाया जाएगा। 15 फरवरी तक शहर में 120 कचरा पाइंट्स पक्के कर दिए जाएंगे और इनकी नियमित सफाई की जाएगी।
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एक मार्च से 31 मार्च तक शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए महाअभियान चलाया जाएगा। पार्कों में विद्युत व्यवस्था के लिए अब एक ही टेंडर जारी होगा। शहर को ओडीएफ बनाने के लिए टॉयलेट पर आने वाले 16 हजार के अलावा जीएसटी भी निगम ही वहन करेगा।
बैठक में महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, निगम आयुक्त विक्रम जिंदल और स्थाई समितियों के अध्यक्ष व अन्य सदस्य मौजूद रहे।