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बिगड़ी व्यवस्थाओं से मरीज हुए परेशान तो आयुष चिकित्सकों ने संभाली कमान

कोटा. सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते पहले दिन सोमवार को शहर की सभी सीएचसी, पीएचसी व डिस्पेंसरी में आयुष चिकित्सकों ने कमान संभाली।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 06, 2017

Hospital

कोटा . सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते पहले दिन सोमवार को शहर की सभी सीएचसी, पीएचसी व डिस्पेंसरी में आयुष चिकित्सकों ने कमान संभाली। हालांकि लोगों को आयुर्वेदिक, एलोपैथिक व होम्योपेथिक का इलाज मिला और दवाएं भी उसी पैथी की दी गई। जिला प्रशासन द्वारा पहले से ही इन पैथियों की दवाएं उपलब्ध करा दी गई थी।

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हड़ताल के चलते अस्पताल में भर्ती कई रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। भीमगजमंडी व दादाबाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रोगियों को सबसे अधिक परेशानी हुई। सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने कहा कि सरकार की हटधर्मिता से मरीजों को परेशानी हो रही है। जो इनटाइटल नहीं है उनसे इलाज कराया जा रहा है।

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गंभीर रोगियों को बडे अस्पताल या प्राइवेट में भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ द्वारा 33 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन में सरकार की और से कोई पहल नहीं की गई। सरकार को 8911 इस्तीफे सौप दिए हैं। डॉ. सैनी ने कहा कि जब तक सरकार मांगे नहीं मान लेती जब तक हड़ताल जारी रहेगी। सरकार ने सख्ती करने का प्रयास किया तो प्रदेश के सभी चिकित्सक इसका जवाब देंगे।

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कोटा में ये है स्थिति

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र- 39, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-13, डिस्पेंसरी - 12, ईएसआई की डिस्पेंसरी-5, 1 ईएसआई का जिला अस्पताल, 1 जिला अस्पताल रामपुरा, एमबीस, जेके लॉन, न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 247 सेवारत चिकित्सक हैं। वहीं संभाग में 640 सेवारत चिकित्सक हैं।

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