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राजस्थान ने ऐसा घेरा कि दबाव में आया मध्यप्रदेश, आज छोड़ेगा गांधी सागर से पानी

संभागीय आयुक्त की मध्यस्थता में एमपी-राजस्थान के चीफ इंजीनियरों के बीच हुई वार्ता

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कोटा

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Deepak Sharma

Nov 05, 2017

gandhi sagar

MP release Water from Gandhi Sagar today.

कोटा . गांधी सागर से पानी छोडऩे के मामले में रविवार को कोटा में कार्यवाहक संभागीय आयुक्त रोहित गुप्ता की मध्यस्थता में मध्यप्रदेश व राजस्थान के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं की बैठक हुई। बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने अपने क्षेत्र के किसानों को समय पर पानी उपलब्ध कराने का मामला प्रमुखता से रखा। इस दौरान मध्यप्रदेश के अभियंताओं ने मांग के मुताबिक एमपी सीमा तक पूरा पानी उपलब्ध कराने की शर्त पर सोमवार सुबह से गांधी सागर से पानी छोडऩे पर सहमति जताई।


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बैठक में मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर एन.पी. कोरी ने पक्ष रखा कि राजस्थान ने मध्यप्रदेश के लिए जो नहरी पानी दिया, उससे अभी तक श्योपुर जिले के हेड क्षेत्र के खेतों में ही पलेवा हुआ है। अनुमान के मुताबिक अभी तक मध्यप्रदेश में एक लाख हैक्टेयर से भी कम खेतों तक पानी पहुंचा है। भिंड-मुरैना क्षेत्र के किसानों को सरसों की फसल के लिए पानी नहीं मिलेगा तो वे बर्बाद हो जाएंगे। ऐसे में सरसों की सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना पहली प्राथमिकता है। अगर हम सरसों केलिए उन्हें नहरी पानी नहीं दे सकते तो गेहूं के लिए कहां से दे पाएंगे।

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इस पर राजस्थान के चीफ इंजीनियर चौथमल चौधरी ने मध्यप्रदेश को मांग के मुताबिक पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। साथ ही, सहमति बनी कि वर्तमान में दाईं मुख्य नहर से मध्यप्रदेश के लिए पार्वती एक्वाडक्ट पर 2800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। 10 नवम्बर तक मध्यप्रदेश को इसी क्षमता से पानी देना है। वहीं गांधी सागर से सुबह पानी छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में दस नवम्बर के बाद मध्यप्रदेश के लिए जल प्रवाह बढ़ा दिया जाएगा।


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बैठक में जल संसाधन विभाग राजस्थान के चीफ इंजीनियर चौथमल चौधरी, जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर केडी सांधू, मध्यप्रदेश-राजस्थान के अंतर राज्यीय बोर्ड के सचिव हेमंत कुमार जैन, मध्यप्रदेश जल नियंत्रण बोर्ड के एक्सईएन नवीन गौड, मुरैना के एसई आर.पी. झा, दाईं मुख्य नहर के एसई जितेंद्र लुहाडिय़ा उपस्थित थे।