
कोटा. .
हड्डियों के जोड़ घिसने की समस्या बीमारी नहीं है। जैसे आंख में मोतियाबिंद उम्र के साथ होता है। इसी तरह से घुटने या कूल्हे के जोड़ घिसते हैं। यह जोड़ों का डिजनरेटिव प्रोसेस है। यह कहना है शेल्बी अस्पताल के फाउंडर चेयरमैन व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. व्रिकम शाह का। रविवार को उम्मेद क्लब में आयोजित चिकित्सा शिविर व व्याख्यान में डॉ. शाह ने कहा कि सरकार ने इंप्लांट के दाम तय किए है। जो पहले 80 से 85 हजार में मिल रहा था। अब 65 हजार में मिल रहा है।
बस ये करें...
- शारीरिक रूप से फिट रहें, शरीर का वजन नहीं बढ़ाएं।
- ज्यादातर सरफेस हार्ड हो गई है, तो सॉफ्ट या स्पोट्र्स शूज पहने।
- फूड में कच्चा व पका हुआ में बैलेंस रहना चाहिए।
- न्यूट्रिशन फूड ज्यादा ले और कैलोरी रिच फूड कम।
- घर पर ट्रेड मिल की जगह, धूप में बाहर घूमें।
60 से 70 फीसदी कच्चा खाए
हमें 60 से 70 फीसदी बिना पकाए खाना चाहिए। पकाकर खाने से स्वाद तो आता है और कैलोरी बढ़ जाती है। इससे शरीर आलसी बनता है, हड्डियां कमजोर और हार्ट की प्रॉब्लम बढ़ती है।
1 से 15 फीसदी लोगों में पहुंचा मोटापा
एक भी जानवर ऑउट ऑफ शेप नहीं है। जो हम पचा नहीं सकते हैं उसे भी पकाकर खाने लगे है। अब फूड इंडस्ट्री खड़ी हो गई है। इस कारण मोटापा जहां एक फीसदी था, अब बढ़कर 15 फीसदी से ज्यादा लोगों में फैल गया है।
50 के बाद जरूर हो हेल्थ चैकअप
डॉ. शाह ने कहा कि 50 की उम्र के बाद रैगूलर हेल्थ चैकअप करवाना चाहिए। इसमें बॉडी के केमिकल कंपोजिशन की स्थिति में अंतर आ जाता है। प्रिवेंटिव ट्रेडमील व ईसीजी जैसे टेस्ट तो करवाने ही चाहिए।
300 मरीजों को परामर्श
यहां आयोजित चिकित्सा शिविर में 300 से ज्यादा लोगों ने परामर्श भी लिया। डॉ. विक्रम शाह के साथ डॉ. भरत गज्जर, डॉ. प्रवीण नंदवाना, डॉ.धीरज दुबे, डॉ. आईपी अग्रवाल, डॉ. प्रणय गुज्जर, डॉ. जफर सतविलकर ने मरीजों की जांच की। अंत में क्लब सचिव तरुमीत सिंह बेदी ने आभार जताया।
Published on:
08 Oct 2017 07:03 pm
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