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मानसून की बेरुखी से फसलें तबाह, दाल-चावल के दाम बढ़ने लगे

देश में मानसून के दगा देने के कारण खरीफ की फसलें सूखने लगी हैं। किसान इन दिनों फसलों को सूखने से बचाने के लिए महंगा डीजल खरीद कर सिंचाई कर रहे हैं।

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कोटा

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Nupur Sharma

Sep 02, 2023

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/कोटा। प्रदेश में मानसून के दगा देने के कारण खरीफ की फसलें सूखने लगी हैं। किसान इन दिनों फसलों को सूखने से बचाने के लिए महंगा डीजल खरीद कर सिंचाई कर रहे हैं। फसलें सूखने से किसान सदमे में हैं। फसलों की तबाही देखकर हाड़ौती अंचल में एक सप्ताह में दो किसानों ने जान दे दी। इधर, मानूसन की बेरुखी के चलते खाद्य तेलों, दाल-चावल आदि में तेजी की धारणा बन गई है। दालों के दामों में तो पिछले एक पखवाड़े में ही 15 से 20 रुपए किलो की तेजी आ गई। चावल के दाम भी बढ़ने लगे हैं। बारिश नहीं होने से पांच हजार करोड़ का कृषि उत्पादन कम होने का अनुमान है।

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आधे से भी कम उत्पादन का अनुमान: किसान नेता दशरथ कुमार ने बताया कि कोटा संभाग में सोयाबीन का उत्पादन 9 लाख मीट्रिक टन अनुमानित था, जो घटकर 4 लाख मीट्रिक टन रह गया है। धान का उत्पादन भी 6 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 4 लाख मीट्रिक टन, उड़द व मूंग का उत्पादन 2.50 से 3 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 1.50 लाख मीट्रिक टन एवं मक्का व अन्य फसलों का उत्पादन 5 लाख मीट्रिक टन से घटकर 2 लाख मीट्रिक टन का अनुमान है।

असिंचित क्षेत्र में 70 फीसदी फसल खराब: हाड़ौती में इस बार औसत से कम बारिश हुई है। इससे फसलें सूखने लगी हैं। संभाग में खरीफ में 11.50 लाख हैक्टेयर में बुवाई है। इसमें सोयाबीन, धान, उड़द, मूंग व मक्का सहित अन्य फसलों की किसानों ने बुवाई की। चम्बल की दोनों नहरों में पिछले एक माह से जल प्रवाह किया जा रहा है। इससे सिंचित क्षेत्र में तो फसलें सूखने से बच गई, लेकिन असिंचित क्षेत्र में 70 से 80 फीसदी तक खराबा हो गया।

बारिश नहीं होने से सोयाबीन, धान, उड़द, मूंग सहित अन्य फसलों नष्ट हो रही हैं। फसलें नष्ट होने से खाद्यान्नों के दामों में तेजी आने लग गई है।-रामविलास जैन, प्रदेशाध्यक्ष, खुदरा किराना विक्रेता संघ

विभाग अभी 25 फीसदी के करीब नुकसान मान रहा है। आने वाले दिनों में बारिश नहीं होती है तो यह नुकसान बढ़ता ही जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर फसलों का जायजा लिया। सोयाबीन में फलियां सिकुड़ रही हैं, दाना नहीं बन रहा। यदि बारिश आ जाती है तो नुकसान कम होगा। - खेमराज शर्मा, अतिरिक्त निदेशक, कृषि, कोटा संभाग

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बारिश नहीं होने से प्रदेशभर में कृषि उत्पादन पर विपरीत असर पड़ रहा है। इससे कृषि जिन्सों के दामों में इजाफा होना शुरू हो गया है। - अविनाश राठी, अध्यक्ष, कोटा ग्रेन एण्ड मर्चेंट सीड्स एसोसिएशन