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Vande Bharat Sleeper Train: 160 KM की स्पीड में वंदे भारत पर किया गया ऐसा बड़ा परीक्षण, जानें फिर क्या हुआ

Vande Bharat Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के आपात ब्रेकिंग दूरी परीक्षण में बड़ी सफलता मिली है। कोटा-लाखेरी रेलखंड पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से किया गया यह ट्रायल पूरी तरह सफल रहा।

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कोटा

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Rakesh Mishra

Nov 09, 2025

Vande Bharat Sleeper Train

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन। फोटो- पत्रिका

कोटा। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में भारतीय रेल की स्वदेशी तकनीक आधारित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण-2) के आपात ब्रेकिंग दूरी परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शनिवार को यह परीक्षण कोटा-लाखेरी-कोटा खंड पर लोडेड स्थिति में 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से किया गया।

कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि यह परीक्षण अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ की टीम की ओर से किया गया, जिसमें इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स, फेवलि इंडिया, बीईएमएल, और कोटा मंडल के परिचालन दल ने संयुक्त रूप से भाग लिया। परीक्षण कार्य में आरडीएसओ लखनऊ के निदेशक राधेश्याम तिवारी, कोटा मंडल के लोको पायलट मनोज मीणा एवं विपिन कुमार सिंह सहित मुख्य लोको निरीक्षक आरएन मीणा तथा यातायात निरीक्षक सुशील जेठवानी मौजूद रहे।

आपात ब्रेकिंग दूरी परीक्षण

यह परीक्षण ड्राई (सूखी) एवं वेट (गीली) दोनों परिस्थितियों में किया गया। ट्रैक को गीला करने के लिए कोच में 500-500 लीटर के वाटर टैंक और पंप लगाए गए, जिनसे पाइपलाइन के माध्यम से पहियों के आगे ट्रैक पर लगातार पानी छिड़का गया।

इससे बारिश जैसी स्थिति में ट्रेन की ब्रेकिंग दूरी मापी गई। परीक्षण में पाया गया कि सामान्य स्थिति की अपेक्षा गीले ट्रैक पर ब्रेकिंग दूरी लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यानी सूखी स्थिति में इमरजेंसी ब्रेक डिस्टेंस 1000 मीटर है तो गीली स्थिति में यह लगभग 1100 मीटर तक हो जाता है।

वीसीडी परीक्षण

इस परीक्षण में ड्राइवर के 75 सेकंड तक निष्क्रिय रहने की स्थिति में सिस्टम की प्रतिक्रिया की जांच की गई। वीसीडी सक्रिय होने पर स्वतः आपात ब्रेक लागू होते हैं और निर्धारित दूरी पर ट्रेन रुक जाती है।

रोलबैक प्रोटेक्शन परीक्षण

इस परीक्षण में ढलान पर खड़ी ट्रेन को जांचा गया कि जब होल्डिंग ब्रेक छोड़े जाते हैं, तो ट्रेन को पीछे जाने से रोकने के लिए कितनी ट्रैक्शन पावर की आवश्यक होती है। इस परीक्षण से ट्रेन की रोलबैक सुरक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता की पुष्टि हुई।

यह वीडियो भी देखें

तेज गति से सुरक्षित रूप से दौड़ेगी ट्रेन

जैन ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के ये सभी परीक्षण भारतीय रेल की तकनीकी क्षमता और सुरक्षा मानकों की उच्च गुणवत्ता को प्रदर्शित किया है। इन परीक्षणों से प्राप्त डेटा भविष्य में तेज गति वाली गाड़ियों के परिचालन और सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करेगा।