फ्लैश बैक : फोन की एक घंटी ने हिलाकर रख दी परिवार की सांसें, बेटे की जान के बदले मांगे थे दो करोड़
मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने कोटा से बयाना तक रेलमार्ग पर कड़ी निगरानी रखी। एक-एक ट्रेन को सघन जांचा, लेकिन इसके बावजूद उसका कोई सुराग नहीं लगा। बाद में पुलिस के सामने यह तथ्य आया कि आरोपी ने पुलिस को छकाने के लिए अपना मोबाइल ट्रेन में रखा था। यह बात भी सामने आई कि किसी अन्य से उसने मोबाइल रखवाया। वहीं, पुलिस उसके सभी संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। उसका घर को दो दर्जन पुलिस जवानों की निगरानी में था।
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झालावाड़ रोड स्थित इस मल्टीस्टोरी पर हर आने-जाने वाले पर पुलिस की निगरानी है। मुख्य प्रवेश द्वार पर भी सादा वर्दी में जाब्ता तैनात किया गया है। उसके परिजनों को भी पुलिस की निगरानी में फ्लैट में ही रखा गया है। लेकिन वह शहर में ही रहकर पुलिस की गतिविधियों की जानकारी ले रहा था। इसलिए आरोपित अंकुर ने पुलिस को गच्चा देने के लिए अपना मोबाइल किसी ट्रेन में रखवा दिया ताकि पुलिस का ध्यान भटका सके।
अंकुर ने 10 अक्टूबर को ही अपनी गाड़ी की काली फिल्म उतरवा दी थी। वह गाड़ी को लेकर अपनी किताबों की दुकान पहुंचा और वहां मौजूद कर्मचारियों से कार को एक साइड ले जाकर फिल्म उतरवाई।
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अपहरण के बाद मेला घुमने गया
अपहरण के बाद हत्यारा अनुप दशहरा मेला देखने चला गया। वहां पार्किंग में गाड़ी पार्क की और रसीद भी ली। ताकि किसी को शक न हो। पुलिस को अंकुर के मेले में होने की जानकारी मिली लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया।