
सावन ......
कोटा. पूजा पाठ व धर्म ध्यान के लिए महत्वपूर्ण माह श्रावण शनिवार से शुरू होगा। हरे भरे माहौल में गोठ, पिकनिक-पार्टियां होंगी। सिलसिला पूरे सावन चलेगा, तो पूजा-पाठ, धर्म-ध्यान का दौर भी चलेगा। लोग भगवान शिव को मनाएंगे। आक धतूरे, बिल्व पत्र भगवान शिव को अर्पित किए जाएंगे। महारुद्राभिषेक किए जाएंगे। कावड़ यात्राएं निकाली जाएगी। श्रावण के मध्य आने वाले सोमवार को विशेष झांकियां सजाई जाएंगी। कहीं भगवान के अद्र्धनारीश्वर स्वरूप तो कहीं बर्फानी बाबा के रूप में दर्शन करवाए जाएंगे। शिवालयों व मंदिरों में इसकी तैयारियां की जा रही है।
कंसुआ स्थित कर्णेश्वर महादेव मंदिर में 30 जुलाई श्रावण के पहले सोमवार को फूलों से भगवान शिव की झांकी सजेगी। मंदिर के पुजारी श्याम गिरी ने बताया कि दूसरे सोमवार को मंदिर में चावल व पंचमेवे से भगवान का शृंगार होगा। तीसरे को भंग व चौथे सोमवार को बर्फानी बाबा के दर्शन होंगे। सुबह अभिषेक पूजन व दोपहर 3 बजे से विशेष शृंगार के दर्शन होंगे।
रेतवाली स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को महाकाल स्वरूप, तीसरे में भंग से भगवान का शृंगार किया जाएगा। मंदिर के पुजारी शिव शर्मा ने बताया कि चौथे सोमवार को विशेष शृंगार होगा।
तलवंडी स्थित राधाकृण मंदिर में पहले सोमवार को अद्र्धनारीश्वर स्वरूप, दूसरे सोमवार को भंग शिवलिंग के दर्शन, 11 अगस्त को हरियाली अमावस्या पर हरियाला शृंगार, तृतीय सोमवार को बाबा अमरनाथ के दर्शन होंगे। नाग पंचमी पर नागेश्वर रूप व 20 अगस्त को फूल बंगला सजेगा। रवि अग्रवाल ने बताया कि प्रदोष पर फल व सब्जी से शिव सजेंगे। 27 अगस्त को बर्फीला शृंगार होगा।
टीलेश्वर महादेव मंदिर में नित्य पूजन व अभिषेक होगा। सावन माह के समापन पर 1008 कलशों से सहस्त्रघटाभिषेक किया जाएगा। राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि हर सोमवार रात 8 बजे से भजन संध्या होगी।
रामतलाई स्थित जगत माता मंदिर में पूरे माह महारुद्राभिषेक होगा। पहले सोमवार को उज्जैन के महाकालेश्वर व दूसरे सोमवार को बाबा अमरनाथ की झांकी बनेगी। लंबी गुफा से गुजरने के बाद श्रद्धालु बाबा के दर्शन करेंगे। पुजारी जगत सुखवानी के अनुसार तीसरे व चौथे सोमवार को विशेष झांकी सजेगी।
Published on:
27 Jul 2018 11:16 pm
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