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शिक्षा मंत्री के गृह जिले में स्कूलों के हालात: विद्यालय में रस्सियां बांध कर लिख दिया…यहां खतरा है, लाइब्रेरी में पढ़ रहे बच्चे

बरामदे को रस्सियों से बांधकर बंद कर दिया गया ताकि छात्र उस ओर न जा सकें और प्रशासन ने ‘खतरा’ लिखवाकर चेतावनी बोर्ड भी लगा दिया।

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कोटा

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Akshita Deora

Jul 25, 2025

शिक्षा मंत्री के गृह जिले में स्कूलों के हालात (फोटो: पत्रिका)

Govt School In Rajasthan: राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के गृह जिले कोटा के केबलनगर क्षेत्र स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की हालत चिंताजनक बनी हुई है। विद्यालय में नौ कक्षा-कक्ष, बरामदा और शौचालय पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, जिन्हें बरसात में खतरा मानते हुए खाली करवा दिया गया है। बरामदे को रस्सियों से बांधकर बंद कर दिया गया ताकि छात्र उस ओर न जा सकें और प्रशासन ने ‘खतरा’ लिखवाकर चेतावनी बोर्ड भी लगा दिया। यह हालात तो शहर के नजदीक के हैं, गांवों में और भी स्थिति खराब है।

प्रधानाचार्या मिन्नत बेगम ने बताया कि बरसात में छत टपकने और बरामदे की दीवारें गिरने की आशंका के चलते छात्रों को अन्य सुरक्षित कक्षों, लैब और आर्ट एंड क्राट रूम में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। कुल 17 कक्षा-कक्षों में से 9 क्षतिग्रस्त हैं। विद्यालय में इस समय 433 विद्यार्थियों का नामांकन है और 17 शिक्षक कार्यरत हैं। यह भवन पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय था और वर्ष 1986-87 में बने कक्षा-कक्ष उसी स्तर के अनुसार हैं। अब यह उच्च माध्यमिक विद्यालय हो चुका है, लेकिन कक्षा-कक्षों की संया और स्थिति आज भी पुराने स्तर की है, जिससे विद्यार्थियों को खासी परेशानी हो रही है।

बारिश में टपकती छतों के नीचे पढ़ने को मजबूर बच्चे

चेचट. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले ग्राम राईखेड़ा का उच्च प्राथमिक विद्यालय खुद दुर्दशा का शिकार बना हुआ है। विद्यालय की छतें टपक रही हैं और प्लास्टर गिर रहा है। जिससे छात्र खतरे के साए में पढ़ने को मजबूर हैं। विद्यालय भवन में कुल चार कक्षा-कक्ष और एक बरामदा है, जिनमें से दो कक्ष और बरामदा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। इनकी छतों का प्लास्टर उखड़ चुका है और सरिए तक बाहर आ गए हैं। बरसात के दिनों में प्लास्टर गिरने का खतरा इतना अधिक है कि विद्यालय प्रशासन ने इन हिस्सों को पूरी तरह बंद कर रखा है। वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक की सभी कक्षाएं केवल दो ही कक्षा-कक्षों में संचालित हो रही हैं, जो खुद भी बारिश में टपकते हैं। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानी हो रही है। विद्यालय में करीब 35 विद्यार्थी और 5 स्टाफ सदस्य कार्यरत हैं।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह शिक्षा मंत्री के क्षेत्र का विद्यालय है, फिर भी इसकी दशा पर किसी का ध्यान नहीं है। विभागीय अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं। यदि दो क्षतिग्रस्त कक्षों की मरम्मत हो जाए तो बच्चों को एक ही कमरे में ठूंसा नहीं जाएगा। कार्यवाहक प्रधानाध्यापक रवि वर्मा ने बताया कि भवन की मरम्मत के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजे गए हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला।

  • 1057 स्कूल
  • 2 लाख करीब स्टूडेंट्स
  • 28 स्कूल जर्जर


यह बोले विद्यार्थी

कक्षा में विद्यार्थियों की संया अधिक होने के कारण बरसात में पानी टपकने से बैठ नहीं पाते हैं।

नेहा गोचर, छात्रा

बारिश में कक्षा-कक्ष टपकने से यूनिफॉर्म भीग जाती है। पाठ्यसामग्री गीली हो जाती है। नए कक्षा कक्ष निर्माण हो तो राहत मिल सकेगी।

कविता बंजारा, छात्रा

विद्यालय में कक्षा-कक्ष की कमी है। बारिश के मौसम में कक्षा-कक्ष लगातार टपकने से बैठकर अध्ययन करना मुश्किल हो रहा है।

नीलाक्षी शर्मा, छात्रा