
rajasthan election result: हाड़ौती में दोनों ही दलों के नेता हार-जीत के कारणों का विश्लेषण करने में जुट गए हैं। हाड़ौती में यदि कांग्रेस दो विधानसभा सीटों पर रूठों को राजी कर लेते तो पार्टी के प्रत्याशी जीत सकते थे। वहीं भाजपा भी एक सीट पर खाते में और बढ़ा सकती थी। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दावेदार पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने ताल ठोके तो पार्टी प्रत्याशियों को सीधा नुकसान हुआ है।
मनोहरथाना : कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नम्बर पर
मनोहरथाना सीट पर कांग्रेस से पूर्व विधायक कैलाश मीणा प्रबल दावेदार थे। पार्टी ने कैलाश मीणा का कदम भी बढ़ाया और कोटा जिले का प्रभारी तक बनाया। मीणा जिलाध्यक्ष थे और पूरे जिले में अच्छी पकड़ थी, लेकिन ऐनवक्त पर कैलाश मीणा की जगह नए चेहरे नेमीचंद मीणा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया। नेमीचंद को चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं था और टीम भी नहीं थी। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। निर्दलीय होकर चुनाव लड़े कैलाश मीणा को 60 हजार से ज्यादा वोट मिले। वह दूसरे नम्बर पर रहे। नेमीचंद तीसरे नम्बर पर रहे। नेमीचंद का सिर्फ 38429 वोट ही मिले। यहां से भाजपा के गोविंद रानीपुरिया 24 हजार ज्यादा वोटों से जीते।
छबड़ा : निर्दलीय ने बिगाड़े समीकरण
छबड़ा में वैसे तो मुकाबला भाजपा के प्रतापसिंह सिंघवी और कांग्रेस के करणसिंह राठौड़ के बीच ही हुआ है। लेकिन यहां निर्दलीय नरेश मीणा ने 43921 वोट लेकर सीधा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। सिंघवी को 65 हजार वोट मिले, राठौड़ को 59892 वोट मिले।
बूंदी में बागी पड़ा भारी
बूंदी में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली रूपेश शर्मा ने पार्टी प्रत्याशी के समीकरण बिगाड़ दिए। रूपेश ने 39805 वोट लिए है। पार्टी बागी को बना लेती तो परिणाम कुछ और हो सकते थे। भाजपा के अशोक डोगरा को 81293 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के हरिमोहन शर्मा को एक लाख 105 वोट मिले। यह सीट अर्से से भाजपा के कब्जे में थी।
केशवरापाटन में बगावत बेअसर
केशवरापाटन सीट पर कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडने वाले राकेश बोयत को मिले मतों से कांग्रेस के सीएल प्रेमी की जीत पर कोई असर नहीं पड़ा है। हालांकि बोयत को मना लेते तो जीत का फासला बढ़ सकता था। प्रेमी को एक लाख एक हजार 541 वोट मिले, जबकि भाजपा की चन्द्रकांता मेघवाल को 84454 वोट ही मिल पाए। चन्द्रकांता को संभावित हार का पहले ही आभास हो गया था। इस कारण वह यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहती थी। चन्द्रकांता को भीतरघात का सामना करना पड़ा है।
नारी शक्ति की ताकत आधी रह गई
हाड़ौती में पिछली बार के मुकाबले नारी शक्ति की ताकत आधी ही रह गई है। पिछली विधानसभा सभा में हाड़ौती में चार महिलाएं चुनकर गई थी। जिसमें वसुंधरा राजे, कल्पना देवी, चन्द्रकांता मेघवाल तथा निर्मला सहरिया शामिल थी। इस बार केवल दो ही महिलाएं निर्वाचित हुई है, जिसमें वसुंधरा राजे और कल्पना देवी शामिल है। कांग्रेस ने दो महिला निर्मला सहरिया और राखी गौतम को मौका दिया था, दोनों चुनाव हार गई।
Published on:
05 Dec 2023 01:06 pm
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