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सावधान! पाकिस्तान से हमारे बच्चों को खतरनाक बीमारियों का खतरा, तेजी से फैलता है वायरस

भारत को पाकिस्तान से केवल आतंकवाद और नशीली ड्रग्स सप्लाई का ही खतरा नहीं है, बल्कि हमारे बच्चों को भी बीमारियों का खतरा है।

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कोटा

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Zuber Khan

Feb 21, 2018

polio virus

राजेश त्रिपाठी@कोटा .

भारत को पाकिस्तान से केवल आतंकवाद और नशीली ड्रग्स सप्लाई का ही खतरा नहीं है, बल्कि हमारे बच्चों को भी बीमारियों का खतरा है। और इस खतरे से बचने के लिए हमें हर साल पोलियो से बचाव का अभियान चलाना पड़ रहा हैे, जिस पर हर साल सरकार और स्वयंसेवी संगठनों के करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं। भारत में पिछले सात साल से पोलियो का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पाकिस्तान में यह बीमारी अभी जड़ से खत्म नहीं हुई है।

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परेशानी की ये है बड़ी वजह
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अब भी पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं। ये दोनों देश हमारे पडौसी हैं और इन देशों से बड़ी तादाद में लोग भारत आते-जाते रहते हैं। पंजाब में अटारी और वाघा के रास्ते दिल्ली से लाहौर तक समझौता एक्सप्रेस और मुनाबाव- खोकरापार के रास्ते जोधपुर से करांची तक थार एक्सप्रेस ट्रेन चलती है। ऐसे में अंदेशा है कि पोलियो का वायरस फिर आ सकता है।


पड़ोस के हाल
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो अब भी सामने आ रहा है। वर्ष 2017 में पाकिस्तान में 13 और अफगानिस्तान में 7 मामले सामने आए थे।

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खतरनाक है इसका वायरस
पोलियो का आरएनए वायरस आंत में रहता है और यह मल से जरिए शरीर से उत्सर्जित होता है। बाद में यह वातावरण में फैल कर अन्य दूसरे बच्चों को संक्रमित करता है। पोलियो रोधी टीका हमारे शरीर में इस वायरस के विरूद्ध एंटीबॉडिज बना कर प्रतिरोधकता उत्पन्न कर देता है।


30 साल से चला रहे अभियान
भारत 1987 से पोलियो मुक्ति के लिए पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत देशभर में व्यापक स्तर पर पोलियो उन्मूलन के लिए पांच साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया गया। इसके बाद 13 जनवरी 2011 को पोलियो का अंतिम मामला प. बंगाल के हावड़ा में रिपोर्ट किया गया था।

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जब यह देश पोलियो से मुक्त होंगे तब टीकाकरण की जरूरत नहीं होगी
सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि देश में पोलियो के मामले शून्य हो गए हैं। अब हम इम्यूनिटी लेवल बनाए रखने के लिए टीकाकरण कर रहे है। जिस दिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी पोलियो मुक्त हो जाएंगे। उस दिन ही इस टीकाकरण की जरूरत नहीं होगी।