7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

​हैरत में पड़े अधिकरी, शर्म से झुक गए शिक्षकों के सिर

शिक्षा संबलन अभियान के तहत चल रहे स्कूलों के निरीक्षण में बच्चे न तो हिन्दी पढ़ पाए न ही हल कर सके सवाल।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

ritu shrivastav

Oct 06, 2017

National Achievement Survey, Educational Level of Kota, Government School in Kota , Consolidation Campaign, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan Patrika, Private school, Education Officer in Kota, Education campaign

शिक्षा संबलन अभियान में स्कूलों का निरीक्षण

कक्षा कक्ष में लगे ब्लैक बोर्ड पर अंग्रेजी में मैन वूमैन व हिन्दी के सरल शब्द जब छात्र-छात्राएं नहीं लिख पाए तो प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारी हैरत में पड़ गए, वहीं संस्था प्रधानों व शिक्षकों के सिर शर्म से झुक गए। शिक्षा संबलन अभियान के तहत स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आई। अभियान के दौरान गुरुवार को जिले के कुल 47 स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जिला कलक्टर डॉ. एसपी सिंह ने अन्ता के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बमोरी का निरीक्षण किया।

Read More: केरल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं का कोटा में विरोध

पढ़ाई के साथ व्यवस्थाओं में भी फैल

निरीक्षक ने कक्षा तीन के बच्चों से किताब पढऩे को कहा तो एक भी बच्चा किताब नहीं पढ़ पाया। आठवीं के बच्चे जोड़ व बाकी नहीं कर सके। विद्यालय के शाौचालय के अंदर व बाहर गंदगी थी, जिसे साफ करने को कहा। उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर, पेयजल की व्यवस्था आदि का निरीक्षण करते हुए प्राचार्य को व्यवस्था को अधिक बेहतर बनाने संबंधी निर्देश प्रदान किए।

Read More: #sehatsudharosarkar: अब तक 62 लोगों की जान ले बैठा डेंगू, स्वाइन फ्लू और स्क्रब टायफस

हिन्दी में ज्यादा बुरा हाल

राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद जयपुर एवं जिले के प्रभारी युगानंतर शर्मा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय रानीबड़ौद पहुंचे। यहां पर जाते ही कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों से बातचीत की। कंडेंस कोर्स के अंतर्गत बालिकाएं एबीसीडी नहीं पहचान पाई। कक्षा छह में बच्चों से अंग्रेजी में मैन व वूमैन लिखने को कहा तो एक भी बच्चा लिख नहीं पाया। हिन्दी में तो बच्चों का हाल इससे ज्यादा बुरा था।

Read More: दशहरा मेला में उतरा राजस्थानी लोक संस्कृति का चांद

एक घंटे बाद भी नहीं खुला स्कूल

गुणवत्ता शिक्षा प्रभारी गंगाधर निर्मल ने बताया कि डाइट के प्रधानाचार्य बिरधीलाल नागर निरीक्षण करने प्राथमिक स्कूल कापड़ीखेड़ा पहुंचे लेकिन सुबह 10.30 बजे तक स्कूल नहीं खुला था। इससे पर प्रधानाचार्य ने नाराजगी जताई। उन्होंने संस्था प्रधान से मौके पर ही स्कूल खुलवाया। बच्चों का शैक्षणिक स्तर जांच तो कमजोर पाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक राधेश्याम जाट ने राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल बैंगनी का निरीक्षण किया।

Read More: यूं न फुलाओ गाल, बिछुड़े हुए हैं लाल... आधा 'मिलाप' अधूरी 'मुस्कान'

यहां ठीक मिला स्तर

बीकानेर निदेशालय के उपनिदेशक मूलचंद बोहरा ने उच्च प्राथमिक स्कूल नियाणा का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने बच्चों की कक्षा ली। इसमें कक्षा छह से आठ तक का गणित व अंग्रेजी का शैक्षणिक स्तर बहुत अच्छा पाया। लेकिन कक्षा 1 से 5 वीं तक का शैक्षणिक स्तर कमजोर पाया गया। उपनिदेशक ने बच्चों से पहाड़े पूछे तो बच्चे जवाब नहीं दे पाए। विद्यालय परिसर में साफ सफाई नहीं होने पर उपनिदेशक ने नाराजगी जताई।

Read More: यातायात पुलिस का फूलने लगा दम, सुनाई पड़ने लगा कम

पीईईओ की बैठक आज होगी

निर्मल ने बताया कि शुक्रवार दोपहर दो बजे किशनगंज ब्लॉक के पीईईओ की बैठक बीआरसी कार्यालय किशनगंज में होगी। अध्यक्षता जिला प्रभारी युगानंतर शर्मा करेंगे।