कोटा. अखिल राजस्थान स्वास्थ्य मार्गदर्शक संघ के आह्वान पर मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में लगे ठेका स्वास्थ्य मार्गदर्शक संविदा पर लेने की मांग को लेकर शनिवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर उतर गए। पूरे प्रदेश में करीब 1200 कर्मचारी हड़ताल पर है। कोटा जिले में सभी सरकारी अस्पतालों में लगे 54 स्वास्थ्य मार्गदर्शक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरे है। कर्मचारियों ने एमबीएस अस्पताल में बने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के काउंटर के बाहर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों के हड़ताल पर उतरने से चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का काम ठप हो गया। कोटा जिले में रोजाना करीब 1 हजार मरीजों को योजना का लाभ मिलता है, लेकिन हड़ताल के चलते मरीजों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया।
स्वास्थ्य मार्गदर्शक संघ के कोटा जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम लोधा ने बताया कि अखिल राजस्थान स्वास्थ्य मार्गदर्शक संघ आह्वान पर राजस्थान के समस्त चिकित्सा संस्थानों पर चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य मार्गदर्शक संविदा सेवा नियम में लेने की मांग को लेकर हड़ताल पर उतरे है। आरएमआरएस में शामिल नहीं करने व यूनियन द्वारा पिछले 1 वर्षों से समय-समय पर सरकार को अवगत कराने के बाद भी उनकी मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं देने के कारण हड़ताल जैसा कदम उठाना पड़ा। प्रदेशभर में करीब 1200 कर्मचारी तथा कोटा में एमबीएस, जेके लोन, नया अस्पताल, रामपुरा अस्पताल समेत सीएचसी व पीएचसी पर 54 कर्मचारी हड़ताल पर है।
स्वास्थ्य मार्गदर्शकों का कहना है कि सरकार ने वर्तमान में विभिन्न योजनाओं में कार्यरत संविदा कार्मिकों को नियमतिकरण कर दिया है, लेकिन चिरंजीवी योजना में कार्यरत कार्मिकों को इसमें भी शामिल नहीं किया गया। जबकि यह सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इससे सरकार की यह योजना पूरे प्रदेश में ठप हो गई। इस योजना से अस्पतालों में न तो भर्ती मरीजों को योजना का लाभ मिल पाएगा और न डिस्चार्ज हो पाएगा।