कोटा. हाड़ौती में शनिवार को इन्द्रदेव मेहरबान रहे। हवा के साथ तेज बारिश होने से कोटा जिले की चम्बल, पार्वती व बूंदी जिले की घोड़ा पछाड़ नदियां उफन गई। इससे खातौली-श्योपुर, इटावा-सवाईमाधोपुर मार्ग, नमाना-बरूंधन, श्यामू-नमाना व बूंदी-नमाना मार्ग बंद रहे। कोटा शहर में शुक्रवार देर रात 2 बजे से शुरू हुआ तेज बारिश का दौर शनिवार दोपहर 12 बजे तक चला। इससे शहर पानी-पानी हो गया। चम्बल नदी में पानी की आवक बढ़ गई। इससे कोटा बैराज के पांच गेट तीन-तीन फीट खोलकर 18690 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। तेज बारिश से साजीदेड़ा व भंवरकुंज पर चादर चल पड़ी। गेपरनाथ नाले पर उफान से प्रशासन ने धार्मिक स्थल गेपरनाथ पर श्रद्धालुओं का आवागमन बंद कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार, बीते साढ़े 20 घंटे में कोटा में तीन इंच से अधिक बारिश हुई।
जिले में मोड़क, सुल्तानपुर, रामगंजमंडी में तेज बारिश हुई। चेचट में तेज बारिश से ताकली नदी में पानी की आवक हुई। सांगोद व इटावा में भी रिमझिम बारिश शुरू हुई। पार्वती पुल पर पानी होने से खातौली-श्योपुर मार्ग शनिवार को दूसरे दिन भी बंद रहा। चंबल नदी पर स्थित झरेल के पुल पर पानी होने से इटावा- सवाईमाधोपुर मार्ग भी बंद चल रहा है। रावतभाटा में कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हुई। इससे पाड़ाझर के नाले में उफान आ गया।
तालाबों पर चली चादर, गांव बने टापू
बारां जिले में चौथे दिन शनिवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। जिले में सुबह आठ बजे तक बीते चौबीस घंटों में सर्वाधिक 62 मिमी बारिश अटरू उपखंड मुख्यालय पर दर्ज की गई। छबड़ा में 50, किशनगंज में 60 व शाहाबाद उपखंड मुख्यालय पर 59 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। जिले में पार्वती पिकअप वियर पर एक फीट, परवन पिकअप वियर (शेरगढ़) डेढ़ फीट, उम्मेदसागर पर आधा फीट व रातई तालाब पर एक फीट की चादर चली। किशनगंज क्षेत्र में रामगढ़ के निकट पार्वती नदी की पुलिया के ऊपर से पानी का बहाव होने से एक दर्जन से अधिक गांवों का रास्ता कट गया। केलवाड़ा क्षेत्र में भैंसासुर नदी, समरानियां की खाड़ी व शाहाबाद क्षेत्र की पलकों, सिरसा नदियों समेत कई नालों में उफान के चलते दर्जनों गांव टापू बने हुए हैं।
झालावाड़ में बड़ा हादसा टला
उधर, झालावाड़ जिले में रुक रुक कर बरसात होती रही। सोजपुर के राआउमावि में तेज हवा के चलते पेड़ गिर गया, नीचे कोई नहीं होने से बड़ा हादसा टल गया। पचपहाड़ में सर्वाधिक 63 एमएम, गंगधार में 50 व खानपुर में 53 वर्षा रिकार्ड की गई।
भीमलत का फाल तेज हुआ
बूंदी जिले में दिनभर फुहारों का दौर चला। नमाना क्षेत्र में बारिश के बाद घोड़ा पछाड़ नदी में उफान आने से नमाना-बरूंधन सुबह 11 बजे से तीन बजे तक, श्यामू-नमाना सुबह साढ़े दस बजे से शाम तक बंद रहा। करजूना गांव के निकट मांगली नदी में आए उफान से बूंदी-नमाना मार्ग दोपहर बारह बजे से बंद हो गया। भीमलत के जंगलों में हुई तेज बारिश के बाद यहां गिरने वाला फाल तेज हो गया। लोगों को दोपहर बाद कुंड में नहीं जाने दिया गया।