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जब बस्ती के बीच से निकलते हैं यमदूत तो सांसें रुक जाती है लोगों की, सड़कें हो जाती हैं खाली, घरों में कैद हो जाते हैं बच्चे

रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे माल गोदाम रोड पर रोजाना 70 से 80 यमदूत दौड़ते हैं। मासूम की मौत के बाद भी ट्रेफिक पुलिस यमदूतों को नहीं रोक पा रही।

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कोटा

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Zuber Khan

Jan 09, 2018

chhindwara

heavy vehicles

कोटा . शहर में भले ही भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित हो, लेकिन बावजूद इसके कई मार्गों पर भारी वाहन बेधड़क दौड़ रहे हैं। कई जगह तो भारी वाहन सघन बस्ती के बीच से निकल रहे हैं। बस्ती के तंग रास्तों के बीच से निकलने वाले इन वाहनों से स्थानीय लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। लोगों को इन वाहनों के दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है।

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रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे के माल गोदाम पर सैकड़ों भारी वाहन प्रतिदिन आते हैं। इसमें से कई वाहन आर्मी रोड होते हुए बांरा रोड पर निकल जाते हैं। लेकिन अधिकांश वाहन चालक शॉटकट के चक्कर में लोको कॉलोनी, महात्मा गांधी कॉलोनी जैसी घनी बस्ती से होते हुए नहर के रास्ते बोरखेड़ा जाते हैं। ट्रक, ट्रोले, टैंकर क्रेन सहित कई भारी वाहन इस रास्ते से निकल रहे हैं। लोगों के अनुसार बस्ती के रास्ते आवाजाही अधिक रहती है वहीं बच्चे भी सड़क पर खेलते हैं। ऐसे में भारी वाहनों से हादसे की आशंका बनी रहती है।

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हो चुकी एक मौत
पूर्व में महात्मा गांधी कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर स्थानीय निवासी राजा बैरवा की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो चुकी। उसके बाद पुलिस प्रशासन ने यहां से भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया था। लेकिन एक बार फिर यहां से भारी वाहन गुजरने लगे हैं। वहीं कुछ दिन पहले एक बाइक सवार भी ट्रक से टकरा गया। इस क्षेत्र में कोचिंग व स्कूल जाने वाले बच्चों के परिजनों को यहां से गुजरने वाले ट्रकों के कारण चिंता सताने लगी है। क्षेत्रवासियों ने भारी वाहनों को बंद करने के लिए कुछ समय पूर्व शहर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया था, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ। पुलिस ने दो बेरीकेट लगाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

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समस्या का समाधान नहीं तो आंदोलन

क्षेत्रवासियों का कहना है कि शहर पुलिस अधीक्षक के साथ ही टे्रफिक पुलिस उपाधीक्षक को भी लिखित में अवगत करा दिया, लेकिन उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। उनका कहना है कि शीघ्र ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो यहां के व्यापारी व आमजन आंदोलन करेंगे।

70 से 80 भारी वाहन निकलते हैं
स्थानीय निवासी लाला भाई ने बताया कि यहां से भारी वाहन निकलते हैं तो हादसे का भय बना रहता है। पहले एक-दो ही वाहन निकलते थे, लेकिन अब प्रतिदिन करीब 70 से 80 भारी वाहन निकल रहे हैं। प्रशासन ने शीघ्र ही इन्हें बंद नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा।

बेटे को कुचल चुके हैं
पन्ना लाल ने बताया कि कॉलोनी में ट्रक की चपेट में आने से मेरे बेटे की मौत हो चुकी। यहां भारी वाहनों का आवागमन बंद होना चाहिए ताकी किसी और की जान नहीं जाए। भारी वाहनों के लिए माला फाटक ओवर ब्रिज बना हुआ है। बावजूद वाहन यहां से निकल रहे हैं।

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यूआईटी को ब्रेकर बनाने को लिखा है
टे्रफिक पुलिस उपाधीक्षक श्योराज मीणा ने बताया कि हमने यूआईटी को ब्रेकर बनाने के लिए लिखा है। वहीं कॉलोनी में दुर्घटना नहीं हो इसके लिए बेरिकेट लगवाए हैं। आवश्यकता है तो और बेरिकेट लगवा देंगे। आर्मी रोड से बोरखेड़ा तक के क्षेत्र को नो हेवी वाहन जोन बनाने की योजना है।