
haryana chief minister, UP chief minister will be chief guest of Holi
करीब एक माह बाद 2 मार्च को धूलण्डी मनाई जाएगी और पहली मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन करने वाली संस्थाओं ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। मान्यताओं के अनुरूप होली से एक माह पहले शहर में होली का डांडा रोपा जाएगा, लेकिन होली का यह डांडा रोपें तो जरा सोच समझकर। कोई हराभरा पेड़ काटकर होली न जलाएं, न ही होली का डांडा रोपें। सामान्य तौर हरे पेड़ को काटना पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से उचित नहीं लेकिन ज्योतिषाचार्यों की मानें तो पेड़ काटकर डांडा रोपने की यह गलती ग्रहों को रुष्ठ कर सकती है और काटने वाले ग्रहों के कोप का भाजन भी बन सकते हैं।
पेड़ों से ग्रहों का है गहरा नाता
आक व बिल्व पत्र का पेड़ काटने पर सूयज़् होगा रूष्ठ, पलाश का पेड़ काटा तो- चन्द्रमा, अनंत मूल या खेर-मंगल, विधारा या आंधी झाड़ा काटने पर बुध, केल, भृंगराज, पीपल व बड़ काटा तो बृहस्पति, नीम, बबूल, बिछोल खेजड़ी काटी तो शनि , चंदन व दोब को नुकसान पहुंचान पर राहु , असगंध व कुषा पेड़ काटे तो केतु की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
ऐसे कर सकते हैं प्रभावित
ज्योतिषाचायज़् शिवप्रकाश दाधीच के अनुसार कोई भी शास्त्र हरे पेड़ को काटने की अनुमति नहीं देता। हरे पेड़ को काटना एक हत्या के समान बताया गया है। दाधीच ने बताया कि हर पेड़ का सम्बन्ध किसी ने किसी ग्रह से होता है। हर पेड़ का स्वामी कोई ग्रह है। इस कारण पेड को काटने से ग्रह रूठ जाते हैं।
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ये दे सकते हैं तकलीफ
सूयज़् से सम्बन्धित पेड़ को काटने पर श्वसन व फेफड़ों से सम्बन्धित रोग परेशानी, चन्द्रमा मन के विकार, चिंता, अवसाद दे सकता है। मंगल के नाराज होने पर कोई घटना घटने की आशंका रहती है। बुध वाणी को अनियंत्रित व बुद्धि को भ्रमित कर सकता है। बृहस्पति चिंता, परेशानी दे सकता है। शुक्र दाम्पत्य जीवन में खटास,शनि दुघज़्टना की आशंका, राहु व केतु रक्तविकार, चमज़् विकार, उदर विकार समेत अन्य रोग दे सकता है।
Published on:
30 Jan 2018 07:19 am
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