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कोटा . सेवारत चिकित्सक, सीनियर व जूनियर रेजीडेंट्स के हड़ताल का असर अब दिखाई देने लगा है। बुधवार को जिले में 247 में से 200 चिकित्सक अनुपस्थित रहे। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते अस्पताल भी खाली होने लगे है। जांचें भी आधी रह गई है। एमबीएस, जेके लोन, मेडिकल कॉलेज, रामपुरा जिला अस्पताल में चिकित्सकों के चैम्बर खाली थे। चिकित्सक नहीं होने के कारण मरीज अस्पतालों में नहीं पहुंच रहे है। इंडोर में भर्ती मरीजों की संख्या भी कम होने रही है। हालांकि आउटडोर में सीनियर डॉक्टर मोर्चा संभाले हुए हैं। सेन्ट्रल लैब प्रभारी नवीन सक्सेना ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल के चलते मरीजों की संख्या घट गई है। इस कारण जांचें भी कम हो गई है। अमूमन प्रतिदिन 500 जांचें होती है जो घटकर 150 रह गई है। ऑपरेशन थियरेटर प्रभारी एस.सी. दुलारा ने बताया कि रेजीडेंट्स के अभाव में रूटिन के 60 ऑपरेशन टाले गए। इमरजेंसी के सिर्फ 15 ऑपरेशन किए गए।
आईएमए सदस्य बांधेंगे काली पट्टी
आईएमए ने भी सेवारत चिकित्सकों को समर्थन दिया है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जसवंत सिंह ने बताया कि सरकार पूर्व में हुए समझौते के बाद भी सेवारत चिकित्सकों पर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। जिसके विरोध स्वरूप कोटा संभाग के सभी आईएमए से जुड़े चिकित्सक गुरुवार से प्रतिदिन काली पट्टी बांधेंगे। साथ ही फैसला नहीं होने की स्थिति में शुक्रवार को सुबह 9 से 11 बजे तक पेनडाउन हड़ताल करेंगे।
महासचिव के परिचितों के यहां दबिश
सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव दुर्गाशंकर सैनी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने छावनी में दबिश दी। हालांकि वहां पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। मंगलेश्वर महादेव व्यायामशाला व अनंत चतुर्दशी महोत्सव के सहसंयोजक नाथूलाल पहलवान ने बताया कि चिकित्सक दुर्गाशंकर सैनी की तलाशी में पुलिस ने मंगलवार को उनके घर पर दबिश दी। उस समय वे बाहर थे। घर पर बच्चे व अन्य सदस्य थे। उसी समय पांच-सात पुलिसकर्मी घर पर पहुंचे और तलाशी ली। अखाड़ों को छाना। नाथूलाल पहलवान का कहना है कि जब परिवारजनों ने पुलिस से पूछा तो उनका कहना था कि चिकित्सक दुर्गाशंकर सैनी की तलाश में आए हैं। उनके यहां होने की सूचना मिली थी।
Published on:
21 Dec 2017 05:00 pm
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