
takli dam
रामगंजमंडी.
ताकली बांध लघु सिंचाई परियोजना का बंद पड़ा कार्य शुरू कराने के लिए अब प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिला कलक्टर रोहित गुप्ता के निर्देश के बाद सोमवार को ताकली बांध के भराव क्षेत्र के तालियाबरड़ी गांव में वहुंचकर प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों से समझाइश की।
रामगंजमंडी के उप जिला कलक्टर कृष्णगोपाल जोजन, पुलिस उपाधीक्षक रामकल्याण मीणा ने दो टूक शब्दों में मुआवजा लेकर मकान छोडऩे को कहा उपखंड अधिकारी ने कहा कि मुआवजा राशि आ गई है। कार्यालय में आकर यह राशि ग्रामीण ले सकते हैं। बुधवार से बांध का कार्य शुरू होगा।
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जानकारी के अनुसार पूरी तरह से डूब में आ रहे तालियाबरड़ी गांव में वर्तमान मे 40 परिवार रहते हैं। प्रशासन की तरफ से इन मकान मालिकों को मकान निर्माण के लिए रीछडिय़ा के पठार में पट्टे जारी किए हुए हैं लेकिन वहां किसी तरह का मकानों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
इन परिवारों का विस्थापन नही होने के कारण बांध का कार्य अटका हुआ है। प्रशासन प्रथम चरण में बांध का निर्माण कार्य पूर्ण करने का मानस बना चुका है और उसकी शुरुआत बुधवार से होगी। उप जिला कलक्टर कृष्णकुमार जोजन ने बताया कि डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों को मौके पर जाकर सोमवार को समझाइश की गई है। ऐसे परिवारों से उनका कार्यालय में आया हुआ मुआवजा लेने व मकानों को छोडऩे की बात से अवगत कराते हुए बताया गया है कि बुधवार से डूब क्षेत्र में कार्य की शुरुआत होगी।
गौरतलब है कि जिस भूमि पर प्रशासन की तरफ से पुनर्वास के लिए पट्टे दिए हुए हैं वहां डूब क्षेत्र के परिवारों ने मकान निर्माण नहीं किया है। ऐसे में यदि प्रशासन तालियाबरड़ी में रहनेवाले परिवारों को डूब क्षेत्र से हटाने की कार्रवाई करेगा तो ये कहां जाएंगे।
बांध बना मुद्दा
इस वर्ष के अंतिम माह में विधानसभा चुनाव होने हैं और दोनों दलों के पदाधिकारी इसे अभी से मुद्दा बना रहे हैं। कांग्रेस परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं होने व डूब में आने वाले किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं होने पर भाजपा पर हमले बोल रही है। चेचट में पिछले दिनों कांग्रेस ने इसी मुद्धे को लेकर प्रर्दशन किया तो भाजपा से जुड़े किसान नेता कमलेन्द्र सिंह हाड़ा रामगंजमंडी व कोटा में प्रदर्शन कर चुके र्हैं। भाजपा नेताओं की तरफ से 17 जनवरी को चेचट में प्रदर्शन के लिए गांवों में संपर्क अभियान चलाया हुआ है।
मुआवजा कम, कैसे बनाएं मकान
परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले सात गांवों के 566 परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रशासन लाटरी सिस्टम से भूखंड आवंटित कर चुका है। भूमि का मुआवजा वितरण किया जा चुका है लेकिन प्रशासन की तरफ से डूब में आने वाले जिन परिवारों को भूखंड आवंटन किया है, वहां मूलभूत सुविधाएं विकसीत नहीं हो पाई हैं। पुनर्वास समिति की ओर से राज्य सरकार को मकान निर्माण के लिए पांच लाख रुपए तक की राशि उपलब्ध कराने के भेजे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। डूब में आने वाले परिवारों का कहना है कि अपने पुराने मकानों को छोडक़र उन्हें आवंटित भूखंड पर नई जगह अपने मकान बनाने होंगे। सरकार ने पुराने मकानों का जो मुआवजा निर्धारित किया वह इतना कम है कि उससे दूसरे स्थान पर जाकर मकान का निर्माण किसी सूरत में नहीं करवाया जा सकता।
Updated on:
16 Jan 2018 12:19 pm
Published on:
16 Jan 2018 08:50 am
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