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विभाग को कई बार मुखबिरी भी मिली, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही व ढिलाई के चलते तस्कर इन्हें मात दे गए। अवैध शराब तस्कर बसों, ट्रेनों और निजी साधनों से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, विभाग ने तीन स्थान बाबड़ी खेड़ा, सीमलखेड़ी और इटावा क्षेत्र की खकेरा बस्ती में हथकढ़ शराब कार्रवाई की, लेकिन अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए ये कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे जितनी ही है। ईपीएफ विंग का काम केवल शराब तस्करी रोकना हर प्रहराधिकारी को माह में दस छोटी कार्रवाई व चार बड़ी कार्रवाई करने का लक्ष्य दिया जाता है। बड़ी कार्रवाई के तहत पांच कर्टन से अधिक अवैध शराब पकडऩा जरूरी है। यह टारगेट अधिकारी पूरा नहीं कर पाते। आबकारी के आंकड़े के अुनसार तो पिछले तीन साल में अवैध शराब से भरा हुआ एक भी बड़ा ट्रक आबकारी निरोधक दल नहीं पकड़ पाया। जबकि ईपीएफ विंग का काम केवल शराब तस्करी रोकना है।लोकसभा चुनाव को लेकर तस्कर सक्रिय
लोकसभा चुनाव के साथ ही शराब तस्कर भी सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में प्रत्याशियों के साथ-साथ शराब तस्कर भी सतर्क हो गए हैं। अवैध शराब पर कार्रवाई के नाम पर मात्र शराब ठेकेदारों पर ही यदा-कदा कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं। प्रहराधिकारियों को हर माह अवैध शराब पकडऩे के जो टारगेट दिए, वे भी पूरे नहीं हो रहे हैं। इससे आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी खासे नाराज हैं। जबकि चुनावी सीजन में शराब तस्करी हर बार की तरह जोर पकड़ चुकी है।
– विभाग द्वारा अवैध शराब पर कार्रवाई समय-समय पर की जाती है। विधानसभा चुनाव से पहले अवैध शराब पकड़ी थी। लोकसभा चुनाव को लेकर भी विभाग पूरी नजर रखे हुए हैं। अवैध शराब तस्कर विभाग की नजरों से नहीं बच सकते है।
हेमराज मीणा,
हेमराज मीणा,
पीओ, आबकारी थाना